उत्तराखंड: 39 शिक्षकों के चिकित्सा प्रमाणपत्र तबादला एक्ट के मानकों में फेल, खुद को बताया गंभीर बीमार

उत्तराखंड देहरादून

विभाग की ओर से बताया गया है कि चिकित्सा बोर्ड ने 183 शिक्षकों के प्रमाणपत्र स्वीकृत किए हैं। जबकि 33 प्रवक्ताओं के प्रमाणपत्र यह कहते हुए रद्द कर दिए गए हैं

सुगम क्षेत्र में तबादलों के लिए खुद को गंभीर बीमार बताते हुए इसका प्रमाण पत्र लगाने वाले 39 प्रवक्ताओं के चिकित्सा प्रमाणपत्र चिकित्सा बोर्ड ने रद्द कर दिए। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक इन शिक्षकों ने जो प्रमाणपत्र लगाए थे, वे तबादला एक्ट के दायरे में नहीं आते। यही वजह है कि इनके प्रमाणपत्र रद्द किए गए हैं।

प्रदेश में इन दिनों शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया चल रही है। विभाग की ओर से इसके लिए पात्र शिक्षकों की सूची जारी करने के साथ ही अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए शिक्षकों के आवेदन मांगे गए हैं। विभाग की ओर से बताया गया है कि प्रवक्ता संवर्ग सामान्य में अनुरोध के आधार पर 1867 शिक्षकों और महिला शाखा में 159 शिक्षिकाओं ने आवेदन किए है।

शिक्षा निदेशालय में तबादलों के लिए आवेदन करने वाले इन प्रवक्ताओं में 216 ने सुगम में तबादले के खुद के गंभीर बीमार होने का प्रमाणपत्र लगाया है। विभाग की ओर से बताया गया है कि चिकित्सा बोर्ड ने 183 शिक्षकों के प्रमाणपत्र स्वीकृत किए हैं। जबकि 33 प्रवक्ताओं के प्रमाणपत्र यह कहते हुए रद्द कर दिए गए हैं कि यह प्रमाणपत्र तबादला एक्ट में दी गई बीमारी के अनुरूप नहीं हैं। वहीं, प्रवक्ता महिला शाखा में 52 शिक्षिकाओं में से 46 के प्रमाणपत्र सही पाए गए हैं। जबकि 6 के प्रमाणपत्र रद्द किए गए हैं।

अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए यह है आधार

शिक्षकों के अनुरोध के आधार पर तबादले के लिए तबादला एक्ट में कुछ मानक तय किए गए हैं। गंभीर बीमारी, पति-पत्नी, तलाकशुदा, सुगम से दुर्गम में तैनाती चाहते वाले आदि शिक्षकों से इसके लिए आवेदन पत्र लेकर उनके तबादले किए जाते हैं।

 

अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए जिन शिक्षकों के चिकित्सा बोर्ड ने प्रमाणपत्र रद्द किए हैं। उन शिक्षकों के आवेदनों पर अब कोई विचार नहीं किया जाएगा। गलत आधार पर किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं किया जाएगा।