दिल्ली के विवेक विहार निवासी मुकेश कुमार ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। बताया कि जितेंद्र खरबंदा निवासी विवेक विहार दिल्ली ने देहरादून में जमीन खरीदकर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने का झांसा दिया। कहा कि उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि नहीं खरीद सकता। इसलिए उसने अपने साथी उत्तराखंड मूल निवासी अजय पुंडीर को इसमें शामिल किया। विश्वास में लेने के लिए आरोपी ने पीड़ित और अजय पुंडीर को अपनी कंपनी में निदेशक भी बना दिया। कहा कि जमीन खरीदने के बाद अजय पुंडीर को मुनाफा देकर निदेशक के पद से हटा देंगे। फिर वह और पीड़ित ही निदेशक रह जाएंगे।
पीड़ित के मुताबिक वह आरोपी के झांसे में आ गया और बिल्डर जितेंद्र खरबंदा की कंपनी, उसके भाई अजय खरबंदा और अजय पुंडीर समेत अन्य लोगों के खाते में 19 करोड़ रुपये जमीन खरीदने के जमा करवा दिए। पीड़ित का आरोप है कि बिल्डर ने उनके दिए रुपयों से जमीन नहीं खरीदी। कंपनी में जमा किए रुपयों को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर दिया। पीड़ित का कहना है कि वह भी कंपनी में निदेशक बनाए गए थे, लेकिन उनके फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रकम दूसरी कंपनी में ट्रांसफर की गई। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनरशिप में ये प्रोजेक्ट चल रहा था। कोर्ट के आदेश पर आरोपी जितेंद्र खरबंदा, अजय पुंडीर और अजय खरबंदा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
करोड़ों की ठगी में कई मुकदमे हैं दर्ज
आरोपी जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर के विरुद्ध धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज हैं। इन्होंने लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी की है। आरोपियों ने इससे पहले प्रदीप नागरथ से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। इसके साथ ही आरोपियों ने अन्य लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया। अभी तक इनपर गैंगस्टर नहीं लगी है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि कई अन्य मुकदमों में इन आरोपियों का नाम आया था। इनका रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है कि कितने मुकदमों में चार्जशीट लगी है। इसपर जांच की जाएगी। क्षेत्राधिकारी को इनका रिकॉर्ड चेक करने के निर्देश दिए है।