Uttarakhand Weather Today मौसम विभाग के पूर्वानुमान को मद्देनजर रखते हुए देहरादून में आज यानी शुक्रवार को 12वीं तक के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार को देहरादून और बागेश्वर में कहीं-कहीं भारी से भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है। इसके लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लगातार 12 घंटे हुई मूसलधार वर्षा से मसूरी में अनेक स्थानों पर भूस्खलन हुआ।
चमोली और पिथौरागढ़ में एक से दो दौर हो सकती है भारी वर्षा
पौड़ी में भी कहीं-कहीं एक-दो दौर तेज वर्षा होने की संभावना
प्रदेश में मानसून की वर्षा का दौर जारी है। ऐसे में मौसम विभाग ने शुक्रवार को देहरादून और बागेश्वर में कहीं-कहीं भारी से भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है। इसके लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
अल्मोड़ा, चंपावत व ऊधमसिंह नगर में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम गति अथवा गरज के साथ वर्षा हो सकती है। पौड़ी व चमोली में भी कहीं-कहीं एक-दो दौर तेज वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को मद्देनजर रखते हुए देहरादून में आज यानी शुक्रवार को 12वीं तक के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।
- रुद्रप्रयाम में अस्थाई पुल बहने से मदमहेश्वर धाम में लगभग 50 तीर्थ यात्रियों फंस गए हैं। द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखंडा नदी पर बना लकड़ी का अस्थायी पुल नदी की तेज धाराओं में समा गया है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अनुसार मद्महेश्वर धाम में लगभग 50 तीर्थ यात्रियों सहित स्थानीय व्यापारी फंस गए हैं। मदमहेश्वर घाटी में लगातार हो रही मूसलधार बारिश से मोरखंडा नदी के जल स्तर में निरन्तर वृद्धि देखने को मिल रही है।
- चमोली जिले में गुरुवार रात हुई बारिश से काफी नुकसान हुआ है। बुराली (गोपेश्वर ) में नाले के पानी के उफान पर आने से पांच घरों में मलबा आ गया और भवनों को आंशिक क्षति हुई है। बांसवाड़ा (नंदानगर ) में भारी बारिश से एक गोशाला क्षतिग्रस्त हुई तथा दो भवनों के निचे भूकटाव हुआ है। जनहानि और पशुहानि की सूचना नहीं है। राजस्व की टीम मौके पर जा रही है।
- चमोली जिले में गुरुवार रात्रि भर बारिश हुई जो शुक्रवार सुबह थमी। यहां बदरीनाथ हाईवे बाजपुर पागलनाला, कंचनगंगा और भनेरपनी में मलबा आने के कारण अवरूद्ध हो गया था। जिसे बाद में खोल दिया गया।
- पौड़ी में हल्की वर्षा के बाद अभी बादल छाए हैं। वर्षा की संभावना बनी हुई है। घटनाक्रम की कहीं कोई सूचना नहीं है।
- मसूरी में गुरुवार रात को मूसलधार बारिश हुई। जिस कारण बरसाती नाले उफान पर आ गए।
- यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग हनुमानचट्टी, बनास और डाबरकोट के पास अवरुद्ध हो गया था, बाद में तीनों स्थानों पर यातायात सुचारू हो गया। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारु है।
गुरुवार को मैदानी क्षेत्रों में मौसम सामान्य
इधर, गुरुवार को भी मैदानी क्षेत्रों में मौसम का मिजाज सामान्य रहा। गर्मी व उमस से लोग बेहाल रहे। पर्वतीय क्षेत्रों में बीती रात को अधिकांश स्थानों पर भारी वर्षा हुई। चमोली व उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दिनभर रुक-रुककर मानसून के मेघ बरसते रहे। पहाड़ी से मलबा आने और भूस्खलन होने से कई जगह मुख्य सड़कें व संपर्क मार्ग अवरुद्ध भी हुए।
देहरादून व आसपास के मैदानी इलाकों में पूर्वाह्न व अपराह्न को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहे। दोपहर बाद कुछ जगह हल्की वर्षा भी हुई है। रात को भी आसमान में बादल छाए रहे। दून का अधिकतम व न्यूनतम तापमान क्रमश: 33.4 व 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया।
मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुडक़ी, विकासनगर व आसपास के मैदानी इलाकों में गर्मी व उमस ने बेहाल किया। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को देहरादून व बागेश्वर जनपद में भारी से भारी वर्षा हो सकती है।
मसूरी में कई स्थानों पर भूस्खलन, चकराता हाईवे पर सात घंटे बंद रहा यातायात
लगातार 12 घंटे हुई मूसलधार वर्षा से मसूरी में अनेक स्थानों पर भूस्खलन हुआ। जिसका आम जनजीवन पर असर पड़ा है। मालरोड पर पद्मिनी निवास के समीप पहाड़ी से भारी बोल्डर बिजली का फीडर तोड़ते हुए मालरोड पर आ गया, जिससे मालरोड के कई भागों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
इसी के पास मालरोड के नीचे स्टेला काटेज जाने वाले संपर्क मार्ग का पुस्ता ढहने से स्थानीय लोगों को लंबी दूरी तय कर अपने घरों को जाना पड़ रहा है। हैप्पीवैली में भी बिजली के तारों पर पेड़ गिर गया, जिससे क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई।
उधर, रातभर हुई वर्षा से मसूरी-चकराता हाईवे पर कैंपटी से चार किमी आगे सैंजी ढंगार में चट्टान टूटकर सड़क पर आ गिरी। भटोली गांव से तीन किमी आगे जीवन आश्रम के पास पहाड़ी से बोल्डर एवं मलबा सड़क पर आने पर तथा डिम्टा बैंड के पास भी मलबा सड़क पर आने से यातायात सात घंटे बाधित रहा। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर मसूरी बैंड के पास बने पुल पर मलबा आने से यातायात बंद हो गया था।