गंगा में सिल्ट की मात्रा बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने भीमगोड़ा बैराज से जल प्रवाह रोक दिया था। इससे घाटों पर चार से पांच फीट की जगह ढाई से तीन फीट जल रह गया था। घुटने तक जल में ही श्रद्धालु गंगा स्नान कर कांवड़ भरकर रवाना हो रहे थे। शनिवार को भीमगौड़ा बैराज से पानी छोड़ा गया।
HighLights
- नदी में सिल्ट की मात्रा ज्यादा होने के चलते शुक्रवार शाम गंगनहर को कर दिया गया था बंद
- हरकी पैड़ी पर कांवड़ यात्री पुण्य की डुबकी लगाने के साथ ही कांवड़ लेकर हो रहे रवाना
गंगा में सिल्ट की मात्रा घटने पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने भीमगोड़ा बैराज से गंगनहर में पानी छोड़ दिया। इससे हरकी पैड़ी क्षेत्र के गंगा घाटों पर अब पर्याप्त जल है। कांवड़ यात्री पुण्य की डुबकी लगाने के साथ कांवड़ लेकर गंतव्य को रवाना हो रहे हैं।
इन दिनों हरकी पैड़ी क्षेत्र के गंगा घाटों की रौनक देखते ही बन रही है। चहुंओर बम-बम भोले के जयकारों की गूंज सुनाई पड़ रही है। कांवड़ यात्रियों की भारी भीड़ के बावजूद हरकी पैड़ी में ब्रह्मकुंड समेत अन्य घाटों पर शुक्रवार शाम से पर्याप्त जल नहीं होने से शिव भक्तों में निराशा थी।
शनिवार दोपहर गंगा में सिल्ट की मात्रा छह हजार पीपीएम के करीब होने पर भीमगोड़ा बैराज से पानी छोड़ा गया, जिससे ब्रह्मकुंड समेत आसपास के घाटों पर अब पर्याप्त जल है। इससे शिवभक्तों का उत्साह भी बढ़ गया है। रविवार को पूरा दिन गंगा घाटों पर कांवड़ यात्रियों की भीड़ उमड़ी रही।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ अनिल कुमार निमेष ने बताया-
गंगा में सिल्ट की मात्रा कम होने पर भीमगोड़ा बैराज से नहर में पानी छोड़ दिया गया है। अब हरकी पैड़ी पर पर्याप्त जल है। रविवार शाम चार बजे तक गंगा चेतावनी स्तर 293 मीटर से नी#चे 291.95 मीटर पर बह रही थी