खतरे में नैनीताल का ये गांव: दरकती जमीन…घरों में पड़ीं दरारें, खौफ में जीने को मजबूर ग्रामीण, देखें तस्वीरें

उत्तराखंड नैनीताल

नैनीताल नगर से सटे खूपी गांव के लोग अपने घर में पहुंचते ही असुरक्षित महसूस करते हैं। भूस्खलन और घरों में पड़ीं दरारें ग्रामीणों को डरा रही है। बीते कई वर्षों की तरह इस बरसात में भी खूपी गांव के लोग खौफ के साए में जीने के लिए मजबूर हैं।

बरसात समेत अन्य प्रतिकूल स्थितियों में जहां हर व्यक्ति अपने घर पहुंचकर खुद को सुरक्षित महसूस कर राहत की सांस लेता है। वहीं नगर से सटे खूपी गांव के लोग अपने घर में पहुंचते ही असुरक्षित महसूस करते हैं। बीते कई वर्षों की तरह इस बरसात में भी खूपी गांव के लोग खौफ के साए में जीने के लिए मजबूर हैं।

बरसात में गांव की तलहटी में भू-कटाव और घरों में दरारों के चलते कई परिवार घर छोड़ बाहर रह रहे हैं तो कई मजबूर होकर वहीं टिके हैं। यहां के लोग अपनी आंखों के सामने अपना आशियाना उजड़ता देख रहे हैं। कई ग्रामीणों को आखिरी उम्मीद जिला प्रशासन है तो कई लोग अब हिम्मत हार चुके हैं।

वर्ष 2012 से खूपी गांव भूस्खलन का घाव सह रहा है। 12 वर्षों से से लगातार गांव में भू-धंसाव हो रहा है जिसके चलते गांव के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें उभर चुकी हैं। भूस्खलन के चलते क्षेत्र में कई घर क्षतिग्रस्त भी हो चुके हैं। हर वर्ष खूपी गांव के लोग दरारों को भर देते हैं लेकिन हर बरसात में फिर दरारें उभर आती हैं। आज भी यहां रहने वाले लोग खौफ में जिंदगी जी रहे हैं।

इन दिनों बरसात के सीजन में यह गांव एक बार फिर भूस्खलन का दर्द झेल रहा है। गांव की तलहटी में भू-कटाव जारी है। इससे घरों और रास्तों में बड़ी-बड़ी दरारें उभरती जा रही हैं। घरों की दीवारें टूटने की आशंका के चलते परिवार घर छोड़ कर कहीं और रह रहे हैं लेकिन मवेशियों को वहीं बांध रहे हैं।

बीते माह कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने भी क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान लोगों ने आयुक्त से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। डीएम वंदना सिंह के निर्देश पर एसडीएम और सिंचाई की टीम ने 30 जुलाई को क्षेत्र का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद डीएम ने सिंचाई विभाग को गांव को सुरक्षित करने के लिए अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजना बनाने के निर्देश दिए थे।

स्कूल में भी दरारें उभर रहीं
खूपी गांव में भूस्खलन के चलते प्राथमिक पाठशाला में भी दरारें पड़ गईं हैं। बारिश के दौरान दहशत से स्कूल में पढ़ने वाले 12 बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। अध्यापिकाओं का कहना है कि दरारें लगातार बढ़ रही हैं। हर साल दरारों को भरा जा रहा है लेकिन हर बार दरारें उभर आती हैं। यहां लगातार भू-धंसाव हो रहा है।

सिंचाई विभाग ने 30 अल्पकालीन कार्य योजना
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता डीडी सती ने बताया कि क्षेत्र का निरीक्षण किया गया है। पाइंस गधेरे में तेज बहाव के कारण गांव की तलहटी में दो स्थानों पर भू-कटाव हो रहा है। जिला प्रशासन के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से भू-कटाव रोकने के लिए अल्पकालीन योजना के तहत 15 लाख और 14.5 लाख का प्रस्ताव बनाया गया है। बजट मिलते ही क्षेत्र में सुरक्षा कार्य शुरू किए जाएंगे।

भूगर्भ वैज्ञानिकों के निरीक्षण के बाद बनाई जाएगी दीर्घकालीन योजना
एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि खूपी में निरीक्षण किया गया है। बरसात के दौरान गांव में भूस्खलन और पाइंस गधेरे से भू-कटाव दिख रहा है। जल्द ही खूपी गांव का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जाएगा। गांव में हो रहे भूस्खलन और पाइंस गधेरे में हो रहे भू-कटाव पर बारीकी से अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही क्षेत्र को बचाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जाएगी। फिलहाल सिंचाई विभाग की ओर से बनाए गए अल्पकालीन योजना के प्रस्ताव को दैवी आपदा कमेटी के सामने रखा जाएगा। इसके बाद सुरक्षा के लिए बजट जारी कर काम शुरू किया जाएगा।

2012 से अब तक नहीं किए गए सुरक्षा कार्य
खूपी गांव में वर्ष 2012 से भूस्खलन हो रहा है। प्रशासन और भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम ने क्षेत्र का कई बार निरीक्षण भी किया। 14 वर्षों में कई अधिकारियों का तबादला हो गया लेकिन अब तक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि तब से अब तक प्रशासन की ओर से सिर्फ विस्थापन की बात कही गई लेकिन सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। अगर पूर्व में ही गांव की तलहटी पाइंस गधेरे में सुरक्षा कार्य कर दिया गया होता तो आज गांव की यह दशा नहीं होती। हालांकि नाले आदि में आंशिक सुरक्षा कार्य हुए लेकिन आबादी क्षेत्र की किसी ने सुध नहीं ली।

गांव के लोगों का दर्द

खूपी गांव की स्थिति बहुत खराब है। हर दीपावली में घर को सही करते हैं लेकिन हर बरसात घर में दरारें आ जाती हैं और रास्ते भी टूट गए हैं। ज्यादा बारिश में रात में सो भी नहीं पाते।
– निर्मला पाल।

पहले दरारें ज्यादा नहीं थी लेकिन इन दिनों दरारें बढ़ गई हैं। रात को घर की दीवारों के चटखने की आवाज आती है तो बहुत डर लगता है। रात को बारिश के दौरान सोने के बजाय भागने के लिए तैयार रहते हैं।
– पूजा।

भूस्खलन के चलते घर में रहने में डर लग रहा है। बारिश के दौरान यह डर और बढ़ जा रहा है। कई बार रात को उठकर बाहर देखते हैं। अब प्रशासन से ही उम्मीद है।
-पदमा देवी।

पाइंस गधेरे से खूपी गांव की तलहटी में भू-कटाव हो रहा है। गांव खतरे की जद में है। बारिश और पाइंस गधेरे की आवाज में पूरा परिवार डर-डर कर रात गुजारने के लिए मजबूर है।
– लीलाधर आर्य।

खूपी गांव का भूवैज्ञानिक सर्वे हो गया है। कुरिया गधेरे के कटाव के कारण भूमि सिंक होने की बात सामने आई है। दीर्घकालीन सुरक्षा उपायों के लिए विशेषज्ञों की राय से डीपीआर बनाई जा रही है। जिले से तात्कालिक सुरक्षा कार्यों के लिए लगभग 25 लाख रुपये स्वीकृत करने की प्रक्रिया गतिमान है। शीघ्र ही तात्कालिक सुरक्षा कार्य आरंभ कर दिए जाएंगे।