सार
सुरक्षा नहीं तो न्याय नहीं.., बहन हम शर्मिदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं… शुक्रवार को दून अस्पताल इन नारों से गूंजा। कोलकाता में महिला डाॅक्टर से दरिंदगी के बाद हत्या के विरोध में सुबह नौ बजे रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। इससे इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी समेत सभी सेवाएं लड़खड़ा गईं। इससे मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ा।
दून अस्पताल की ओपीडी बिल्डिंग के सामने रेजीडेंट डॉक्टर तेज बारिश में धरने पर बैठे रहे। डॉक्टरों का कहना है जब तक महिला डॉक्टर की हत्या के दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। शाम डॉक्टरों ने दून मेडिकल कॉलेज से लालपुल तक कैंडल मार्च भी निकाला।
डॉ. आमिर खान (पीजी मेडिसिन) ने बताया कि देहरादून प्रेसीडेंसी डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले कार्य बहिष्कार किया गया। पीजी डॉ. दिव्यांशु ने कहा कि कोलकाता की घटना पहली नहीं है, इससे पहले भी निर्भया, अंकिता हत्याकांड जैसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। जब तक अपराधियों को सजा देकर उदाहरण पेश नहीं किया जाता तब तक भारत की कोई भी बेटी सुरक्षित नहीं होगी।
डॉ. महिमा रावत, डॉ. बबीता, डॉ. अनुकृति ने कहा, दून अस्पताल में चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं है। गार्ड्स पर्याप्त नहीं हैं। पुलिस चौकी तो है, लेकिन पुलिस रहती नहीं। आंदोलन में मोसिम, दिव्या, कमल किशोर, इसराल, रुकसार, चंडिका, अनुकृति, बबीता, सबा, मानसी, हेमंत, त्रिलोक, परली, निधि, मेधा, आसना पंत, पूजा, नंदना, मधुरिका, दिव्या, कार्तिक, नितेश आदि शामिल रहे। —
दून अस्पताल में 2363 रही ओपीडी
दून अस्पताल में डॉक्टरों के धरने पर जाने से डॉक्टरों की कमी रही, लेकिन मरीजों की संख्या पर कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई। इससे अस्पताल की व्यवस्थाएं प्रभावित रहीं। 2363 मरीज ओपीडी में पहुंचे।
आद बंद रहेगी ओपीडी
शनिवार को प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ से जुड़े डॉक्टर, फार्मासिस्ट एसोसिएशन से संबद्ध कर्मचारियों के अलावा निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स भी हड़ताल पर रहेंगे। इससे निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कार्य बहिष्कार के दौरान आपातकालीन सेवाएं, पोस्टमार्टम तथा वीआईपी ड्यूटी सुचारू रहेंगी। ओपीडी बंद रहेगी।
पटेलनगर में निकाला मार्च
पटेलनगर में एसजीआरआर रेजीडेंट, पैरामेडिकल, इंटर्न व अंडरग्रेजुएट कोर्स के छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया। इस दौरान डॉ. सुशील ओझा, डॉ. एएन सिन्हा आदि मौजूद रहे।