Uttarakhand New Housing Policy उत्तराखंड में जल्द ही नई आवास नीति लागू होने जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ मकान बनाए जाएंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए नई आवास नीति जरूरी है। इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। सभी शहरों में मकानों की मांग के लिए सर्वे कराने को टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में सोमवार को विधानसभा भवन के सभागार में हुई प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई।
यह भी बताया गया कि योजना की सेवा शर्तों को लेकर शहरी विकास विभाग द्वारा एमओयू हस्ताक्षरित कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है।
2029 तक रहेगा योजना कार्यकाल
पीएम आवास योजना 2.0 में देश में तीन करोड़ मकानों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से एक करोड़ शहरी क्षेत्रों को दिए जाने हैं। इस योजना के कार्य वर्ष 2029 तक चलने हैं।
समीक्षा बैठक में मंत्री को बताया गया कि योजना का लाभ उठाने के लिए नई आवास नीति जरूरी है। इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, जो जल्द ही कैबिनेट में आएगा।
इसके अलावा सभी शहरों में मकानों की मांग के लिए सर्वे कराने को टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है। एएचपी (अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप) में स्टांप ड्यूटी, पंजीकरण व विकास शुल्क में छूट, भूउपयोग परिवर्तन से संबंधित प्राविधान किए जाएंगे।
शहरी क्षेत्रों में 26 हजार से ज्यादा आवास निर्माणाधीन
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बैठक के बाद बताया कि पीएम आवास योजना शहरी का क्रियान्वयन राज्य में मार्च 2022 से शुरू हो पाया, लेकिन इसमें बहुत तेजी से कार्य हो रहा है।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत बीएलसी (बेनिफिशयरी लेड कंस्ट्रक्शन) में 36 परियोजनाओं में 25972 आवास स्वीकृत हुए, जिनमें से 12144 पूर्ण हो चुके हैं और 11962 निर्माणाधीन हैं। इसी तरह एएचपी के अंतर्गत 20 परियोजनाओं में 15960 आवास मंजूर किए गए, जिनमें 14248 निर्माणाधान हैं और 1696 बन चुके हैं। तैयार आवास पर लाभार्थियों को जल्द ही कब्जा दिया जाएगा।
बैठक में सचिव नितेश कुमार झा, अपर सचिव नितिन भदौरिया, आवास विकास परिषद के संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुम्का समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।