Wednesday, October 16, 2024

सावधान! विदेश में नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी, देहरादून पुलिस ने किया फर्जी कंसलटेंसी का भंडाफोड़

उत्तराखंड देहरादून

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की। आरोपितों ने इंटरनेट मीडिया के जरिए प्रचार कर पांच युवकों को अपने झांसे में लिया और उनसे मोटी रकम ऐंठ ली। पीडितों को पोलैंड लिथुआनिया नॉर्वे ऑस्ट्रिया हंगरी और अन्य यूरोपीय देशों में नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था। अब पुलिस ने आरोपित दंपत्ति और उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में डालनवाला कोतवाली पुलिस ने कंसलटेंसी एजेंसी के संचालक आरोपित दंपत्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाली फर्जी कंसलटेंसी एजेंसियों के विरुद्ध पूर्व में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इस मामले में अब पांच पीडितों व उनके स्वजनों ने प्राइड गोल्ड ग्लोबल एजूकेशन नाम की फर्म व उनके संचालक पर विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर उनके साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के संबंध में शिकायती प्रार्थना पत्र दिया।

फर्म के खिलाफ दिए थे जांच के आदेश

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्राधिकारी डालनवाला को संबंधित फर्म के विरुद्ध जांच के आदेश दिए गए। जांच के दौरान पाया गया कि कुनाल नारायण उनियाल व उनकी पत्नी गीतांजली उनियाल की ओर से प्राइड गोल्ड ग्लोबल एजूकेशन नाम से एक कंसलटेंसी फर्म संचालित की जा रही है। आरोपितों की ओर से विदेश में अच्छी नौकरी की प्लेसमेंट दिलाए जाने के लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया है। सुनहरे भविष्य की तलाश में पीड़ित कृष्णा प्रसाद, सिद्धार्थ थापा, उबैद आमीर, साकिब व राजन शर्मा ने फर्म से संपर्क किया।

विदेश में नौकरी दिलाने का दिया था झांसा

फर्म के संचालक कुनाल नारायण उनियाल, उसकी पत्नी गीतांजली उनियाल व एक अन्य सहयोगियों ने पांचों पीडितों को पोलेंड, लुथवानिया, नार्वे, आस्ट्रिया, हंगरी व अन्य यूरोपीय देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर व विदेश भेजने के लिए रजिस्ट्रेशन, वर्क परमिट, वीजा व वेरीफिकेशन के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधडी की गई। आरोपितों की ओर से पीडितों को लगातार गुमराह करते हुए उनसे विभिन्न माध्यमों व कारणों से लगातार रुपये की ठगी की गई। पीडितों को जब आरोपितों पर शक हुआ और उनसे अपनी धनराशि वापस मांगी तो आरोपितों ने उन्हें धमकाया।