अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में तैनात रहे आरोपी प्रोफेसर ने उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली में परिजनों के नाम पर प्लॉट-फ्लैट खरीदे। एम्स में नौकरी के नाम पर दलाली करने वालों के साथ प्रोफेसर की करीबी के सबूत भी सीबीआई को मिले हैं।
सीबीआई इन दिनों एम्स ऋषिकेश में हुए घपलों की जांच कर रही है। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले के एक आरोपी प्रोफेसर के परिजनों के नाम पर उत्तराखंड में चार प्लॉटों के साथ ही हरियाणा और दिल्ली में फ्लैट खरीदने के भी सबूत मिले हैं। प्रोफेसर की तैनाती वर्ष 2012 में एम्स ऋषिकेश में हुई थी लेकिन इन्हें वर्ष 2017 के बाद अहम जिम्मेदारी मिली।
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि दवा और उपकरण खरीद के साथ ही भर्ती में भी इसी प्रोफेसर की अहम भूमिका रही। इसी प्रोफेसर की संपत्तियों की जांच-पड़ताल के लिए दिल्ली, हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश तक एक साथ आठ स्थानों पर छापे मारे गए थे। प्रोफेसर के नौकरी के नाम पर दलाली करने वालों से भी संपर्क का भी पता चला है।
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