हवाई मार्ग से भी मुश्किल हुए बबा केदार के दर्शन, हेलीकॉप्टरों के रिकॉर्ड फेरों के बाद भी टिकट के लिए मारामारी

उत्तराखंड रुद्रप्रयाग

बाबा केदार के दर्शनों के लिए हेलीकॉप्टर से भी केदारनाथ पहुंचने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पिछले 29 दिनों की बात करें तो हेलीकॉप्टरों के 8873 शट्ल (चक्कर) में 49,367 यात्री केदारनाथ पहुंचे हैं जबकि दर्शन करके 48,454 यात्री वापस लौट आए हैं। इसके बावजूद हेली सेवा के लिए काउंटर से दो से तीन दिन बाद टिकट मिल रहा है।

छह मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस बार नौ हेली कंपनियां हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन कर रही हैं। पहले ही दिन से केदारघाटी के आसमान में हेलीकॉप्टरों की जमकर गर्जना हो रही है। औसत निकाला जाए तो प्रत्येक हेलीकॉप्टर ने 29 दिनों के दौरान 985 चक्कर लगाए हैं। इस दौरान 97,821 यात्री (दो तरफा) सफर कर चुके हैं।

हेलीकॉप्टर से धाम पहुंचने के लिए यात्री हेली कंपनियों के टिकट काउंटर पर सुबह पांच बजे से ही टिकट की पूछताछ के लिए पहुंच रहे हैं। यही स्थिति रात आठ से दस बजे के बाद भी बन रही है। गढ़वाल मंडल विकास निगम को हेलीकॉप्टर की टिकट की ऑनलाइन बुकिंग की जिम्मेदारी मिली है, जिसके तहत 30 जून तक की ऑनलाइन बुकिंग फुल हो गई है।

तीन दिन बाद भी केदारनाथ के लिए मिल पाया टिकट

शेष तीस फीसदी ऑफलाइन टिकट हैं, जो उमड़ती भीड़ के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। इन्हीं टिकटों में वीआईपी कोटा भी शामिल है, जिससे आम यात्रियों का इंतजार बढ़ रहा है।
वर्षवार हेलीकॉप्टर की शटल व यात्रियों का ब्यौरा 
वर्ष      हेली कंपनी      गए यात्री    वापस आए यात्री       शटल 
2017    13             101933    82680           18436
2018    10             123261    98983           22504
2019     09            118444    102536          20915
2020     09            40624      40144            7469
2021     07            35392       34037           4616
2022     09            49367       48454           8873 (अभी तक)
हेलीकॉप्टर टिकट की ऑनलाइन बुकिंग पहले से फुल है। ऑफलाइन सिर्फ तीस फीसदी टिकट हैं, जिसके लिए चार से पांच गुना यात्री प्रतिदिन प्रत्येक हेली कंपनी के कार्यालय पर पहुंच रहा है। अधिकांश मौकों पर एक से दो दिन के इंतजार के बाद यात्रियों को टिकट मिल पा रहा है।– सुशील नौटियाल, हेलीकॉप्टर सेवा नोडल अधिकारी, केदारनाथ यात्रा/जिला पर्यटन अधिकारी रुद्रप्रयाग

4 thoughts on “हवाई मार्ग से भी मुश्किल हुए बबा केदार के दर्शन, हेलीकॉप्टरों के रिकॉर्ड फेरों के बाद भी टिकट के लिए मारामारी

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