देहरादून: अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अभी समय है, लेकिन कांग्रेस में दावेदारों ने कमर कसनी शुरू कर दी है। विशेष रूप से इस बार हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में इसे लेकर जंग तेज हो चली है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की संभावित दावेदारी को चुनौती मिलने जा रही है।
पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता डा. हरक सिंह रावत हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए हैं। वह हाल में दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य नेताओं से मुलाकात में अपनी इच्छा जता चुके हैं।
यही नहीं, हरक जल्द ही हरिद्वार क्षेत्र में अपनी सक्रियता भी बढ़ाने जा रहे हैं। इस परिदृश्य के बीच कांग्रेस में हरिद्वार सीट पर दावेदारी को लेकर पार्टी हाईकमान क्या निर्णय लेता है, यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन तब तक इसके लिए जंग रोचक रहना स्वाभाविक है।
बेबाक बयानी के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते आए हैं हरक
पूर्व मंत्री डा. हरक सिंह रावत अपनी बेबाक बयानी के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते आए हैं। यद्यपि, पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया तो रावत ने कांग्रेस में घर वापसी कर ली थी।
हरक वर्ष 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए थे। कांग्रेस में घर वापसी करने के बाद से वह शांत-शांत से हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। यद्यपि अपनी बहू को लैंसडौन सीट से टिकट दिलवाने में वह कामयाब रहे थे।
यह बात अलग है कि उनकी बहू को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। लंबी प्रतीक्षा के बाद अब डा. रावत की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं फिर से हिलोरे लेने लगी हैं। वे अब राज्य नहीं, बल्कि की केंद्र की राजनीति करने के इच्छुक हैं।
वह पूर्व में भी कह चुके हैं कि विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। लोकसभा चुनाव का विकल्प उनके सामने खुला है। हाल में डा. रावत ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत पार्टी के अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की।
इस दौरान डा. रावत ने हरिद्वार सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई और चुनाव को लेकर क्षेत्रीय गणित को भी समझाया। वह शीघ्र ही हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में अपनी सक्रियता भी बढ़ाने वाले हैं। इस परिदृश्य के बीच कांग्रेस में हरिद्वार सीट पर दावेदारी को लेकर घमासान होना तय है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहले से ही इस सीट पर दावेदारी की इच्छा जता चुके हैं। ऐसे में अब उन्हें पूर्व मंत्री डा. हरक सिंह रावत से भी चुनौती मिलने जा रही है। दोनों के ही इस सीट को लेकर अपने-अपने दावे और राजनीतिक गणित के आधार हैं। ऐसे में पार्टी हाईकमान किसके सिर पर हाथ रखता है, इस पर सभी की नजर है।
मैं पहले भी कह चुका हूं कि विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन लोकसभा चुनाव का विकल्प खुला रखा है। पार्टी में दावेदारी करना गलत भी नहीं है। किसे टिकट देना है और किसे नहीं, यह निर्णय लेने का काम पार्टी हाईकमान का है।-डा हरक सिंह रावत, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता