देहरादून। उत्तराखंड में क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत पिथौरागढ़ में 25 सीटर विमान सेवा संचालित करने की संभावनाएं बढ़ने लगी हैं। यहां की हवाई पट्टी के विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की टीम सर्वे को आ रही है। माना जा रहा है कि इस बार इस पट्टी के विस्तार में आ रही बाधाओं को दूर कर यहां 25 सीटर विमान उतारने की व्यवस्था बना दी जाएगी।
प्रदेश सरकार ने देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच वर्ष 2018 में क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत हवाई सेवा शुरू की गई थी। यहां की हवाई पट्टी छोटी होने के कारण यहां केवल नौ सीटर वायुयान को संचालित किया गया। यह सेवा देहरादून से पंतनगर और पिथौरागढ़ के बीच चली। कम किराया होने के कारण यह सफल भी रही। शुरुआत में कुछ समय तक सुचारू सेवा देने के बाद हवाई सेवा लड़खड़ाने लगी।
विमान में आई तकनीकी खराबी के बाद यह सेवा कुछ दिन बाधित रही। इसके बाद यह सेवा फिर शुरू हुई लेकिन तकनीकी खामियां सामने आती रही। नतीजतन बीते वर्ष मार्च में यह हवाई सेवा बंद कर दी गई। इसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन हो गया। इस कारण सितंबर तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अनलाक की प्रक्रिया शुरू हुई तो प्रदेश सरकार ने भी केंद्र को पत्र लिखकर इस हवाई सेवा को सुचारू करने का अनुरोध किया।
इस बीच यह जानकारी सामने आई कि इस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्वयं की हवाई सेवा संचालित करने का अनुरोध केंद्र से किया, लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं मिला। इस मसले को पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और फिर पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्र के समक्ष उठाया। केंद्र ने तब यह जानकारी दी कि इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं।
प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी यह मसला केंद्र के समक्ष उठाया। इस पर काफी चर्चा हुई। बताया गया कि देश में नौ सीटर विमान बेहद कम हैं। ऐसे में कंपनियां इसमें बहुत अधिक रुचि नहीं दिखा रही है। ऐसे में निर्णय हुआ कि यहां बड़े हवाई विमान के संचालन पर विचार किया जाए। इसके लिए हवाई पट्टी को बढ़ाना पड़ेगा। केंद्र ने यहां जल्द ही एएआइ की टीम भेजकर हवाई पट्टी का सर्वेक्षण करने का आश्वासन दिया है।