Dehradun: प्रदर्शन के दौरान कई युवा हुए बेहोश, 300 से ज्यादा गिरफ्तार, सीएम ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश

उत्तराखंड देहरादून

सार

विस्तार

भर्ती परीक्षाओं में धांधली की सीबीआई जांच की मांग कर रहे युवाओं का प्रदर्शन बृहस्पतिवार को उग्र हो गया। बेरोजगारों ने बुधवार रात हुई पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए राजपुर रोड जाम कर दी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया लेकिन युवा नहीं माने।

आक्रोश बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे भड़के युवाओं ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर उन्हें दौड़ा दिया। पीएसी की मदद से लाठीचार्ज कर युवाओं को तितर-बितर किया गया। इसके बाद भी वे नहीं माने तो करीब 300 युवाओं को गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेजा गया।  इस प्रदर्शन और उपद्रव के दौरान कई युवा बेहोश भी हुए। साथ ही पथराव में कई पुलिसकर्मियों को भी चोट आई। युवाओं की पत्थरबाजी से कई दुकानों और पुलिस के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।

पथराव करने वाले बाहरी तत्व, हो रही पहचान : एसएसपी
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने कहा कि गांधी पार्क के पास युवा प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन, उनके बीच कुछ बाहरी तत्व भी शामिल हो गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव किया। इससे पुलिस और आम लोगों के वाहन व दुकानें तो क्षतिग्रस्त हुए ही, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी भी घायल हो गए। सीसीटीवी फुटेज खंगालकर इन बाहरी तत्वों की पहचान की जा रही है। सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

लाठीचार्ज व पथराव की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु को गांधी पार्क में धरने के दौरान पथराव और लाठीचार्ज से उत्पन्न हालात की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दे दिए हैं। नामित जांच अधिकारी सभी तथ्यों और परिस्थितियों की जांच कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएंगे। जारी आदेश में कहा गया है कि बुधवार को गांधी पार्क में धरने के दौरान की घटना और बृहस्पतिवार को देहरादून में बेरोजगार संघ के धरने के दौरान हुए पथराव की वजह से कानून व्यवस्था की विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था की इन परिस्थितियों और लाठीचार्ज के पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच के निर्देश दिए। 

ये हैं प्रमुख मांगें

  •  हाईकोर्ट के जज की निगरानी में भर्तियों में धांधली की सीबीआई जांच।
  • नकलरोधी कानून आने तक कोई भी भर्ती परीक्षा न हो।
  • 12 फरवरी को होने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा टाली जाए।
  • नकलचियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं।
  • आयोग के अधिकारियों-कर्मचारियों की निष्पक्ष जांच हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *