आपदा से निपटाने लिए तहसील मुख्यालय चकराता से करीब आठ किमी दूर स्थित बिरमौ कांडी में हेलिपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। शासन ने हेलिपोर्ट को विकसित करने के लिए करीब 93 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया है। निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग को बनाया है। लोनिवि ने निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है।
आपदा की दृष्टि से जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। यह क्षेत्र पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश और पड़ोसी जिले उत्तरकाशी और टिहरी से भी लगता हुआ है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन यहां लंबे समय से हेलिपोर्ट की जरूरत महसूस कर रहा था। जिला प्रशासन ने हेलिपोर्ट निर्माण के लिए खत सेली के बिरमोऊ कांडी में 2.730 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराने की बात कही थी।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण से हवाई सर्वेक्षण के लिए अनुरोध किया किया था। जिस पर बीते साल 24 नवंबर को बिरमौ कांडी का हवाई सर्वे किया था। सर्वे में यह स्थान हेलिपोर्ट के निर्माण के लिए उपयुक्त मिला था।
क्षेत्र के प्रमुख स्थानों की देहरादून से दूरी
त्यूणी-देहरादून – 155 किमी
लाखामंडल – देहरादून 188 किमी
कंवासी – देहरादून 120 किमी
चकराता – देहरादून 90 किमी
रामताल गार्डन – देहरादून 80 किमी
क्वानू – देहरादून 85 किमी
जौनसार बावर परगना की स्थिति
जौनसार बावर परगना तीन तहसील कालसी, चकराता और त्यूणी में विभक्त है। इसका क्षेत्रफल करीब 1002.07 वर्ग किमी है। कालसी तहसील में 169, चकराता 141 और त्यूणी तहसील में 53 राजस्व ग्राम हैं। कालसी तहसील में 17, चकराता 16 और त्यूणी तहसील 6 राजस्व क्षेत्र हैं।
15 मिनट में पहुंच सकेंगे जौलीग्रांट
चकराता से जौलीग्रांट एयरपोर्ट की हवाई दूरी 58 किमी/31 नाॅटिकल माइल्स है। हेलिकॉप्टर से यह दूरी महज 15 मिनट में तय की जा सकती है।
राजकीय हेलिकॉप्टर से किए गए प्रस्तावित स्थल के हवाई सर्वेक्षण में स्थान उपयुक्त पाया गया। जिसके बाद हेलिपोर्ट के निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई है। फिलहाल हेलिपोर्ट में दो हेलिकॉप्टर के उतरने की व्यवस्था होगी।
– अनिल सिंह गर्बयाल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण
हेलिपोर्ट को विकसित करने के लिए टेंडर लगा दिया गया है। जिसके तहत समतलीकरण, सुरक्षा दीवार, एप्रोच रोड के साथ ही जिस जगह पर हेलिकॉप्टर उतरेगा, वहां आरसीसी का स्लैब (फर्श) डाला जाएगा।– एसएस नेगी, एसडीओ, लोनिवि खंड चकराता