Kedarnath Highway: फाटा के पास मलबे की चपेट में आकर रेस्टोरेंट तबाह, अंदर फंसे दो लोगों को बचाया

उत्तराखंड देहरादून

सार

Uttarakhand Weather Update: तेज बारिश के कारण केदारनाथ मार्ग पर ब्यूंग गाड़, तरसाली, फाटा, बांसवाड़ा, तिलवाड़ा समेत अन्य स्थानों पर बोल्डर और मलबा आने से कई मार्ग बाधित चल रहे हैं।

विस्तार

उत्तराखंड में भारी बारिश के अलर्ट के बीच पहाड़ों में जमकर मेघ बरस रहे हैं। मंगलवार सुबह केदारनाथ हाईवे पर फाटा के पास बड़ा हादसा हो गया। मलबे और बोल्डर की चपेट मे आने एक रेस्टोरेंट ध्वस्त हो गया।  इस दौरान रेस्टोरेंट के अंदर दो लोग फंसे थे। जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। वहीं, दोनों को हल्की चोट आई है।

 

कई जगह रास्ते बंद

तेज बारिश के कारण केदारनाथ मार्ग पर ब्यूंग गाड़, तरसाली, फाटा, बांसवाड़ा, तिलवाड़ा समेत अन्य स्थानों पर बोल्डर और मलबा आने से कई मार्ग बाधित चल रहे हैं।

जयमंडी गदेरे पर बने पुल के पिलर की नींव हुई खोखली

ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर मुख्य बाजार केदारनाथ तिराहे के समीप जयमंडी गदेरा में निर्मित 12 मीटर स्पान वाले पुल के एक पिलर की नींव पानी के तेज बहाव से खोखली हो रही है। सुरक्षा को देखते हुए पुल के एक हिस्से से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड कार्यदायी संस्था के साथ पिलर के खोखले हुए हिस्से को सही करने में जुटा है।

रुद्रप्रयाग में केदारनाथ तिराहे में बदरीनाथ राजमार्ग पर 12 मीटर स्पान वाले डबल लेने पुल के एक पिलर की बुनियाद जयमंडी गदेरा के तेज बहाव से खोखली हाेती जा रही है। एनएच के एक हिस्से से वाहनों की आवाजाही रोक दी है।

बता दें कि इसी हाईवे पर मुख्य बाजार स्थित पुनाड़ गदेरा पर निर्मित 12 मीटर स्पान वाले पुल के एक एबेडमेंट का हिस्सा भी खोखला हो गयया था। तब, एनएच द्वारा इसे आरसीसी ट्रीटमेंट से ठीक किया गया था। यही नहीं यह पुल प्रस्तावित डिजायन के बिल्कुल उलट बनाया गया है। बारिश के दिन यहां पानी जमा होने से राहगीरों को भी दिक्कत हो रही है। साथ ही इसके फुटपाथ भी गंदगी से भरे हुए हैं। लेकिन सुध लेने वाला

जयमंडी गदेरा पर निर्मित पुल के पिलर की बुनियाद पूरी तरह से सुरक्षित है। पिलर का जमीन सतह का सिमेंट बह गया था, जिसे पुन: भरा जा रहा है। साथ ही पिलर की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम किए जा रहे हैं। पुल के प्रभावित हिस्से पर अभी वाहनों की आवाजाही रोकी गई है। – निर्भय सिंह, अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड, लोनिवि श्रीनगर डिवीजनकोई नहीं है।