14 जुलाई की रात कोबरा से डसवाकर शहर के युवा कारोबारी अंकित चौहान की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले का खुलासा कर 18 जुलाई को सपेरे रमेश नाथ को पकड़ लिया था।
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अंकित हत्याकांड के आखिरी दो हत्यारोपी ऊषा और रामऔतार को पुलिस ने मालदा पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार कर लिया है। इन्हें वहां ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया गया जहां से ट्रांजिट रिमांड मिल गई है। पुलिस दोनों आरोपियों को लेकर उत्तराखंड के लिए रवाना हो गई है।
14 जुलाई की रात कोबरा से डसवाकर शहर के युवा कारोबारी अंकित चौहान की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले का खुलासा कर 18 जुलाई को सपेरे रमेश नाथ को पकड़ लिया था। इसके बाद 23 जुलाई को हत्याकांड की मास्टरमाइंड माही उर्फ डॉली को उसके प्रेमी दीप कांडपाल के साथ रुद्रपुर से गिरफ्तार किया। दोनों अपने वकील के साथ मिलकर हाईकोर्ट में सरेंडर होने की तैयारी कर रहे थे।
सोमवार को पुलिस ने आखिरी दोनों आरोपियों को भी 24 जुलाई को पश्चिम बंगाल के हरिपुर गोदी थाना रतऊ जिला मालदा से गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। वहां से पुलिस को ट्रांजिट रिमांड मिल गई। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि पुलिस दोनों आरोपियों को लेकर वहां से हल्द्वानी के लिए निकल गई है।
कॉल डिटेल से पहुंची पुलिस पश्चिम बंगाल
पुलिस के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में ऊषा देवी का मायका है। बरेली से ट्रेन के जरिये नौकरानी ऊषा और उसका पति रामऔतार अपने दो बच्चों के साथ पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गए थे। एसओजी इंचार्ज राजवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने हत्याकांड से पहले ऊषा की कॉल डिटेल जांची थी। इसमें पश्चिम बंगाल के तीन नंबरों पर बात हुई थी। हत्याकांड के बाद से इनके नंबर बंद थे।
कहा कि पुलिस पूर्व में की कॉल के आधार पर पश्चिम बंगाल पहुंची। सबसे पहले नंदीग्राम जाकर उस घर पर छापा मारा जहां ऊषा की बात हुई थी। पता चला कि ऊषा की मां और भतीजी मालदा में रहती है।
इसके बाद पुलिस की दो टीम बंट गई। इसमें एक टीम का नेतृत्व एसओजी इंचार्ज राजवीर सिंह ने किया और दूसरी टीम का नेतृत्व मगलपड़ाव चौकी इंचार्ज जगदीप नेगी ने किया। कहा कि टीम ने ऊषा की मां और भतीजी के घर पर एक साथ छापा मारा। भतीजी के वहां ऊषा और उसका पति पकड़ा गया।