पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग और चमोली के लप्थल के बीच की दूरी घटकर 42 किमी रह जाएगी, जो अभी 490 किमी है। इसके लिए करीब 57 किमी की तीन सुरंगों और 20 किमी सड़क मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है।
विस्तार
भारत-चीन सीमा पर दो अलग-अलग घाटियों में स्थित आईटीबीपी की दो चौकियाें को आपस में जोड़ने और सीमांत क्षेत्र के लोगाें को सुगम यातायात उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने दोनों घाटियों को सुरंग मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।
इससे पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग और चमोली के लप्थल के बीच की दूरी घटकर 42 किमी रह जाएगी, जो अभी 490 किमी है। इसके लिए करीब 57 किमी की तीन सुरंगों और 20 किमी सड़क मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है। सामरिक महत्व की इस परियोजना पर अब केंद्र सरकार की ओर से निर्णय लिया जाना है।
पलायन रोकने के लिए परियोजना को महत्वपूर्ण
भारत-चीन सीमा में वर्तमान में कोई ऐसा सीधा मार्ग नहीं है, जो पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग आईटीबीपी पोस्ट को चमोली के लप्थल में आईटीबीपी पोस्ट को सीधे जोड़ता हो। सामरिक रूप से अति महत्वपूर्ण इन दोनों पोस्टों को 57 किमी की तीन सुरंगों का निर्माण कर 490 किमी की दूरी को कम किया जा सकता है।
यह सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, सेना, एसएसबी एवं आईटीबीपी और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने केंद्र को भेजे अपने प्रस्ताव में राज्य के आर्थिक विकास, पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को बनाए रखने के साथ पलायन रोकने के लिए इस परियोजना को महत्वपूर्ण बताया है।