जिन जगहों पर कटान हुआ, वह जगह सड़क मार्ग से 15 किलोमीटर दूर है और वहां आम जन का आना-जाना नहीं है। फरवरी के अंत तक वहां बर्फ रहती है। विभागीय जांच में टोंस वन प्रभाग की पुरोला तहसील के अंतर्गत सांद्रा रेंज, देवता रेंज और कोटिगाड़ रेंज में बड़ी संख्या में देवदार और कैल के हरे पेड़ाें को काटे जाने की पुष्टि हुई है।
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उत्तरकाशी जिले के पुरोला टोंस वन प्रभाग में बेशकीमती देवदार के हरे पेड़ काटे जाने के मामले में वन विकास निगम के तत्कालीन डीएलएम रामकुमार सहित आठ अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रबंध निदेशक केएम राव ने क्षेत्रीय प्रबंधन टिहरी को संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक की संस्तुति के बाद एपीसीसीएफ प्रशासन बीपी गुप्ता ने कार्रवाई के लिए वन निगम के एमडी को पत्र भेजा था। इस पत्र में कहा गया था कि विभागीय जांच में टोंस वन प्रभाग की पुरोला तहसील के अंतर्गत सांद्रा रेंज, देवता रेंज और कोटिगाड़ रेंज में बड़ी संख्या में देवदार और कैल के हरे पेड़ाें को काटे जाने की पुष्टि हुई है।
इसमें पुरोला में अवैध कटान के लिए वन निगम को जिम्मेदार माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन जगहों पर कटान हुआ, वह जगह सड़क मार्ग से 15 किलोमीटर दूर है और वहां आम जन का आना-जाना नहीं है। फरवरी के अंत तक वहां बर्फ रहती है।
तत्काल कार्रवाई के निर्देश देते हुए रिपोर्ट मांगी
इसके अलावा, वहां सारा अवैध कटान वन निगम को लॉट मिलने के बाद किया गया जिससे अवैध कटान के लिए निगम के तत्कालीन डीएलएम पुरोला रामकुमार, लॉट प्रभारी नरेंद्र रावत, वन उपज रक्षक मोहन सिंह, लॉट प्रभारी सत्येश्वर लोहनी, वन उपज रक्षक मुरकंडी प्रसाद, अनुभाग अधिकारी पदम दास, लाट प्रभारी अजीत कुमार और वन उपज रक्षक विजयपाल को जिम्मेदार बताते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा था।
एमडी केएम राव ने बताया कि वन मुख्यालय का पत्र मिल गया है, उसके आधार पर क्षेत्रीय प्रबंधक टिहरी को इन सभी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश देते हुए रिपोर्ट मांग ली है। वहीं, ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।