गंगोत्री हाईवे: स्वारीगाड में बनेगा डबल लेन स्टील ब्रिज, सेना के साथ ही चारधाम यात्रियों को भी मिलेगी राहत

उत्तराखंड

सार

यह ब्रिज गंगोत्री हाईवे भारत-चीन सीमा की अग्रिम चौकियों सहित हर्षिल छावनी तक पहुंच उपलब्ध कराता है। वर्ष 2012 में आई आपदा में यहां स्वारीगाड में बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।

विस्तार

भारत-चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकियों तक सेना की पहुंच और आसान होने वाली है। इसके लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमांत जनपद में सड़कों और पुलों को अपग्रेड करने का काम कर रहा है। इसी क्रम में बीआरओ आपदा में ध्वस्त गंगोत्री हाईवे पर बने स्वारीगाड पुल की जगह डबल लेन पुल बनाने जा रहा है।

पुल निर्माण पर फंसे वन भूमि हस्तांतरण के पेच को भी सुलझा लिया गया है। फिलहाल यहां सिंगल लेन वैली ब्रिज से आवागमन जारी है। यह ब्रिज गंगोत्री हाईवे भारत-चीन सीमा की अग्रिम चौकियों सहित हर्षिल छावनी तक पहुंच उपलब्ध कराता है। वर्ष 2012 में आई आपदा में यहां स्वारीगाड में बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।

इसके बाद बीआरओ ने यहां सिंगल लेन वैली ब्रिज बनाया था, लेकिन संकरा होने से पुल से सेना के भारी वाहनों और टैंक आदि के आवागमन में परेशानी होती है। इसके साथ ही चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को भी जाम में फंसने के कारण परेशानी होती है। 

चारधाम यात्रा के साथ ही सेना के आवागमन में मददगार
मई से लेकर जून तक तो यहां स्थिति बहुत ही खराब हो जाती है और ट्रैफिक रेंगता रहता है। इसे देखते हुए बीआरओ ने यहां डबल लेन गार्डर पुल बनाने की तैयारी की है। यह पुल चारधाम यात्रा के साथ ही सेना के आवागमन में मददगार होगा।

 

11 करोड़ की लागत से बनेगा 85 मीटर स्टील गार्डर पुल

बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया, स्वारीगाड में करीब 11 करोड़ की लागत से 85 मीटर स्टील गार्डर पुल बनाया जाएगा। वन भूमि हस्तांतरण का कुछ पेच होने से पुल की स्वीकृति में कुछ समय लगा, लेकिन अब केंद्र सरकार से वित्तीय स्वीकृति के साथ स्टेज वन में फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल गया है। अगले माह अक्तूबर के प्रथम सप्ताह से पुल निर्माण का कार्य शुरू करवाया जाएगा।