सार
उत्तराखंड में दस महीने के अंदर 18 बाघ (Tiger) मर चुके हैं, इसके अलावा तीन खाल भी बरामद हो चुकी है।
विस्तार
उत्तराखंड में दस महीने के अंदर 18 बाघ (Tiger) मर चुके हैं, इसके अलावा तीन खाल भी बरामद हो चुकी है। इन दस महीनों में केवल अगस्त का महीना रहा है, जिसमें किसी बाघ की मौत रिपोर्ट नहीं हुई है।
ये देखें आंकड़े-
- 23 जनवरी को कार्बेट पार्क के ढेला रेंज में बाघ का शव मिला
- 23 जनवरी को रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज में बाघ का शव मिला
- 4 फरवरी को रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज में बाघिन का शव मिला
- 6 फरवरी को रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज में बाघिन का शव मिला
- 11 फरवरी अल्मोड़ा वन प्रभाग जौरासी रेंज में बाघिन का शव मिला
- 15 फरवरी को कोसी रेंज के चंदन बीट में शावक का शव मिला
- 17 फरवरी को खटीमा रेंज में बाघ का शव मिला
- 26 फरवरी को तराई पश्चिम वन प्रभाग के फाटो रेंज में बाघ का शव मिला
- 1 मार्च को हल्द्वानी वन प्रभाग के छकाता रेंज में बाघिन का शव मिला
- 27 अप्रैल को कार्बेट पार्क के ढेला रेंज में बाघिन की मौत
- 20 मई को धौलाखंड बीट पाखरो रेंज में एक बाघिन का शव मिला
- 5 मई को मोर घट्टी रेंज में बाघ का शव मिला
- 2 जून का जिम कार्बेट के सोनानदी रेंज में बाघ का शव मिला
- 13 जून को राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला रेंज में बाघ का शव मिला
- 23 जुलाई को खटीमा में बाघ की खाल बरामद
- सात सितंबर को तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज में दो बाघ की खाल बरामद हुई
- 29 अक्तूबर को कार्बेट पार्क के बिजरानी जोन में बाघिन का शव मिला।