Uttarakhand Tunnel Collapse सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को आज 5 दिन हो गए हैं। पिछले पांच दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन तो जारी है लेकिन अभी तक एक भी मजदूर को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिली है। लगातार अधिकारियों का दौरा यहां जारी है। खुद सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।
HIGHLIGHTS
- सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को आज 5 दिन हो गए
- मजदूरों को निकालने के लिए आज पांचवे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है
- सुरंग के 200 मीटर क्षेत्र को आम लोगों और मीडिया की आवाजाही प्रतिबंधित
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 श्रमिकों को आज 5 दिन हो गए हैं । श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलने का खोज बचाओ अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। सुरक्षा कर्मियों ने सुरंग के 200 मीटर क्षेत्र को आम लोगों और मीडिया की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है।
सिलक्यारा सुरंग में हुई भूस्खलन की घटना से न केवल सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के स्वजन परेशान हैं, बल्कि सिलक्यारा गांव सहित आसपास के गांव के ग्रामीण भी चिंतित है। स्थानीय निवासियों की चिंता सुरंग में फंसे श्रमिकों के अलावा सुरंग के सुरक्षित भविष्य को लेकर भी है।
दूर से देख रहे हैं ग्रामीण
सिलक्यारा सुरंग के ठीक सामने यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क है। जिसके किनारे बैठकर ग्रामीण सुरंग में हो रही आवाजाही और सुरंग के बाहर की गतिविधि को देख रहे हैं। इन्हीं ग्रामीणों में शामिल हैं सिलक्यारा से तीन किलोमीटर दूर महरगांव निवासी कृषक पुष्पानंद भट्ट। पुष्पानंद भट्ट कहते हैं कि इस सुरंग निर्माण को लेकर उन्हें बड़ी उम्मीद है। यह सुरंग गंगा घाटी और यमुना घाटी के बीच की दूरी कम करेगी।
पहले आते अधिकारी, तो नहीं होता हादसा
पर, 12 नवंबर को सुरंग में जो घटनाक्रम हुआ है वह बेहद ही दुखद है और चिंतित करने वाला है। चार दिनों से वह देख रहे हैं कि सुरंग में हर दिन सैकड़ों की संख्या में आवाजाही हो रही है। जिनमें बड़ी संख्या में अधिकारी और नेता भी शामिल हैं। पुष्पानंद भट्ट कटाक्ष करते कहते हैं कि अगर अधिकारी और नेता नियमित रूप से इस सुरंग के निर्माण की निगरानी करते तो यह हादसा नहीं होता। इसके साथ ही सुरंग में सही गुणवत्ता से काम होता।
चिंतित करने वाला है ये हादसा
सैंद गांव निवासी नवीन बिजल्वाण कहते हैं कि पिछले चार दिनों में जो देखने को मिल रहा है। वह बेहद ही चिंतित करने वाला है। यहां श्रमिकों की सुरक्षा और उनके भविष्य की स्थिति सही नहीं है। जिस भी श्रमिक से उन्होंने बताया कि है वह श्रमिक ठेकेदार के अंतर्गत हैं।