Uttarakhand Nagar Nigam उत्तराखंड में नगर निगम की कार्यकारिणी का पांच वर्ष का कार्यकाल आज पूर्ण हो रहा है। इसी के साथ नगर निगम की कमान जिलाधिकारी सोनिका को बतौर प्रशासक सौंप दी जाएगी। ये उत्तराखंड के इतिहास में चौथी बार है जब नगर निगम की कमान प्रशासकों के हवाले किया जा रहा है। आज देहरादून नगर निगम में जिलाधिकारी सोनिका निगम के कार्यों को देखेंगीं।
HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड में नगर निगम की कार्यकारिणी के पांच साल पूरे
- उत्तराखंड नगर निगम का कार्यकाल आज पूर्ण हो रहा है
- जिलाधिकारी सोनिका को बतौर प्रशासक सौंप दी जाएगी कमान
देहरादून। उत्तराखंड में नगर निगम की कार्यकारिणी का पांच वर्ष का कार्यकाल आज पूर्ण हो रहा है। इसी के साथ नगर निगम की कमान जिलाधिकारी सोनिका को बतौर प्रशासक सौंप दी जाएगी। देहरादून नगर निगम के इतिहास में यह चौथा मौका है जब निगम का कामकाज प्रशासक को सौंपा गया।
इसके साथ ही हाल ही में अपर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के पद से अपर नगर आयुक्त देहरादून के पद पर स्थानांतरित पीसीएस अधिकारी वीर सिंह बुदियाल ने भी शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया है। दो दिसंबर को नगर निकायों का कार्यकाल पूर्ण हो रहा है, इससे पहले ही शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों के निकायों में बतौर प्रशासन कामकाज देखने के आदेश जारी कर दिए गए।
चुनाव न होने से है देरी
आज देहरादून नगर निगम में भी कार्यकाल पूर्ण होने के साथ जिलाधिकारी सोनिका निगम के कार्यों को देखेंगीं। निकाय चुनाव होने तक उनकी देखरेख में तमाम कार्य होंगे। इससे पहले चार बार प्रशासन नियुक्ति किए गए हैं। सबसे पहले वर्ष 1998 में देहरादून को नगर निगम बनाया गया और नगर पालिका का बोर्ड भंग हो गया था। वर्ष 2003 में निकाय चुनाव हुए और नई कार्यकारिणी गठित हुई। इस दौरान चार साल तक प्रशासक ने निगम की कमान संभाली। इसके बाद वर्ष 2008 में निकाय चुनाव से पूर्व तीन माह तक प्रशासक नियुक्त रहा। अगले 10 वर्ष के बीच ऐसी स्थिति नहीं बनी। फिर वर्ष 2018 में भी कुछ समय के लिए प्रशासन को निगम की जिम्मेदारी दी गई थी।
अपर नगर आयुक्त ने संभाला कार्य
नगर निगम में बतौर पीसीएस वीर सिंह बुदियाल ने अपर नगर आयुक्त का कार्यभार शुक्रवार को संभाल लिया। उन्होंने पहले दिन ही ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने इसके लिए कार्यों की समीक्षा करते हुए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सफाई व्यवस्था और पथ प्रकाश व्यवस्था पर पूरा फोकस किया है। इसके लिए निगम प्रशासन ने 13 अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। उन्हें सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट के कार्यों की नियमित निगरानी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। अगले कुछ दिन अभियान चलाकर सफाई की जाएगी।
प्रशासक को सौंपी जिम्मेदारी
नगर निगम कर्मचारी महासंघ ने निगम कार्यकारिणी का कार्यकाल पूर्ण होने पर महापौर और पार्षदों को सम्मानित कर विदाई दी। साथ ही उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर कार्मिकों व पार्षदों ने बीते पांच वर्ष के अनुभव साझा किए। शुक्रवार को निगम स्थित टाउन हाल में कर्मचारी महासंघ की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कर्मचारियों ने महापौर सुनील उनियाल गामा, नेता प्रतिपक्ष डा. विजेंद्र पाल सिंह समेत निगम के समस्त पार्षदों को सम्मानित किया।
निगम कर्मियों ने पार्षदों को सम्मानित कर दी विदाई
साथ ही सफलतापूर्वक कार्यकाल पूरा करने के लिए उन्हें बधाई दी। महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि पांच वर्ष का कार्यकाल बेहद शानदार रहा। उन्होंने समस्त कर्मचारियों और पार्षदों का सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और पार्षदों ने समन्वय बनाकर आमजन के हित में शहर के विकास को कार्य किया। कार्यक्रम में कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नाम बहादुर, सचिव सत्येंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
नगर आयुक्त का पद रिक्त
आइएएस मनुज गोयल ने बोर्ड बैठक से पहले कार्यभार छोड़ दिया था। शासन ने उन्हें निगम से स्थानांतरित कर अपर सचिव ग्राम्य विकास बना दिया है। एक सप्ताह पूर्व उनके स्थानांतरण के आदेश कर दिए गए थे। जिसके बाद उन्होंने बीते गुरुवार को हुई निगम की अंतिम बोर्ड बैठक से ठीक एक दिन पहले कार्यभार छोड़ दिया था। अब नगर आयुक्त का पद रिक्त है। संभवत: शासन की ओर से शीघ्र नगर आयुक्त की नियुक्ति कर दी जाएगी।