Uttarakhand वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाउस ऑफ हिमालयाज की लांचिंग की। इसके साथ ही अब समूहों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने के साथ ही वृहद स्तर पर बाजार भी उपलब्ध होगा। शीघ्र ही महिला समूहों के अन्य उत्पाद इसमें शामिल करने की योजना है। इससे अब उत्तराखंड के उत्पादों को नई पहचान मिलेगी।
देहरादून। उत्तराखंड के 65000 से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 5.25 लाख महिलाओं के सामने अब उनके द्वारा तैयार उत्पादों की पहचान का संकट नहीं रहेगा। राज्य सरकार ने लंबी कसरत के बाद इन उत्पादों के लिए अंब्रेला ब्रांड “हाउस ऑफ हिमालयाज” बनाया है।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी लांचिंग की। इसके साथ ही अब समूहों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने के साथ ही वृहद स्तर पर बाजार भी उपलब्ध होगा। प्रथम चरण में इसमें भौगोलिक संकेतक प्राप्त राज्य के उत्पादों को रखा गया है और शीघ्र ही महिला समूहों के अन्य उत्पाद इसमे शामिल करने की योजना है।
महिलाओं के विकास के लिए सरकार ने उठाया कदम
उत्तराखंड राज्य के गठन से लेकर इसके विकास में यहां की मातृशक्ति का योगदान किसी से छिपा नहीं है। इसे देखते हुए सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के दृष्टिगत उन्हें महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने का क्रम शुरू किया। ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय व राज्य आजीविका मिशन में इन समूहों के गठन का क्रम जारी है। इनसे जुड़ी महिलाएं स्थानीय कृषि एवं औद्यानिकी उत्पादों के साथ ही हस्तशिल्प समेत अन्य उत्पाद तैयार कर अपनी आजीविका को सशक्त कर रही हैं।
“हाउस ऑफ हिमालयाज” में संवरेगी किस्मत
महिला समूहों के सामने अपने उत्पादों के ब्रांडिंग की दिक्कत आ रही थी। वजह यह कि सभी अलग-अलग नाम से उत्पादों की बिक्री कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार अपनी माणा यात्रा के दौरान सुझाव दिया था कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड होना चाहिए। राज्य सरकार ने इस पर अमल करते हुए समूहों के उत्पादों का अंब्रेला ब्रांड बनाने का निश्चय किया। उच्च स्तर पर गहन मंथन के बाद ब्रांड के लिए “हाउस ऑफ हिमालयाज” नाम को अंतिम रूप दिया गया।
पीएम मोदी ने किया लांच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस अंब्रेला ब्रांड की लांचिंग होने से अब समूहों द्वारा तैयार उत्पाद इसी नाम से बाजार में आएंगे। साथ ही इनकी गुणवत्ता, पैकिंग आदि पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।
40,272 महिलाएं बन चुकी लखपति दीदी
महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख रुपये करने के उद्देश्य से लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। राज्य में अब तक 40,277 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।
पीएम मोदी ने की महिला समूहों से चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के दृष्टिगत महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के संकल्प का उल्लेख किया। इससे पहले उन्होंने उत्तराखंड की प्रगति पर केंद्रित प्रदर्शनी में महिला समूहों के स्टाल पर जाकर उनसे बातचीत की। पौड़ी जिले के जय अंबे महिला स्वयं सहायता समूह व अलकनंदा महिला स्वयं सहायता समूह के मिलेट बेकरी स्टॉल में पहुंचकर इस बारे में जानकारी ली।
लखपति दीदी बनने का बताया मंत्र
जय अंबे समूह की गीता रावत व अलकनंदा समूह की उमा देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि पहले उनके समूह अन्य उत्पाद तैयार करते थे। बाद में सरकार ने श्रीअन्न को प्रोत्साहित किया तो उनके द्वारा मिलेट बेकरी पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि क्या आप लखपति दीदी बन गई हो, इस पर गीता रावत व उमा देवी ने बताया कि उनके समूह हर माह मिलेट बेकरी से दो से ढाई लाख रुपये कमा लेते हैं। ऐसे में समूहों से जुड़ी महिलाओं को प्रतिमाह 12 से 15 हजार की आय हो रही है।