चीनी मिल प्रबंधन द्वारा 8 दिसंबर से मिल चलाने के लिखित आश्वासन के बाद भी मिल न चल पाने पर शनिवार सुबह विधायक तिलक राज बेहड़ मिल परिसर में धरने पर बैठ गए थे। इस दौरान मिल प्रबंधन ने विधायक बेहड़ को मनाने का भी भरसक प्रयास किया परंतु वह मिल चलने तक धरने से उठने को राजी नहीं हुए।
किच्छा। शनिवार रात को लगातार झटके लेने के बाद रविवार सुबह चीनी मिल का चक्का लगातार घूमा तो मिल प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली। रविवार के दिन मिल बिना किसी रुकावट से चलती रही तो किसान भी गन्ना तुलवा कर घर को समय से रवाना हो पाया। अब मिल प्रबंधन के सामने मिल को बिना किसी रुकावट के चलाना बड़ी जिम्मेदारी है।
मिल प्रबंधन द्वारा 8 दिसंबर से मिल चलाने के लिखित आश्वासन के बाद भी मिल न चल पाने पर शनिवार सुबह विधायक तिलक राज बेहड़ मिल परिसर में धरने पर बैठ गए थे। इस दौरान मिल प्रबंधन ने विधायक बेहड़ को मनाने का भी भरसक प्रयास किया, परंतु वह मिल चलने तक धरने से उठने को राजी नहीं हुए।
उन्होंने बायलर स्थापित करने वाली फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की मांग के साथ ही विधानसभा में मामला उठाने का एलान कर दिया। रात्रि में धरना देने के लिए लिहाफ व गद्दे मंगवा लिए गए थे।
रुकावट न आने का भरोसा देने पर धरना समाप्त
इसी दौरान मिल के चल जाने पर अधिशासी निदेशक के मिल को बिना किसी रुकावट के चलाने का भरोसा दिलाने पर विधायक बेहड़ ने धरना समाप्त कर दिया था। परंतु उनके जाने के बाद रात मिल कुछ देर चलने के बाद फिर बंद हो गई। उसके बाद मिल प्रबंधन ने रात भर कड़ी मशक्कत के बाद आखिर रविवार सुबह छह बजे के करीब मिल को शुरू करने में सफलता प्राप्त कर ली।
मिल के रफ्तार पकड़ने के बाद गन्ना तेजी से पेरा जाने लगा तो किसान भी अपनी ट्रैक्टर ट्राली लेकर गन्ना उतार घर वापस लौटने लगे। रविवार का दिन प्रबंधन के लिए अच्छा गुजरा और मिल बिना किसी परेशानी के चलती रही। प्रबंधन लगातार मिल में चल रही गन्ना पेराई पर अपनी नजरें बनाए हुए है।