एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि इसी वर्ष 22 अगस्त को किशन नगर निवासी सुनील कुमार जैन ने साइबर ठगी की शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया कि छह अगस्त 2023 को उन्हें टेलीग्राम एप पर एक अंजान व्यक्ति का संदेश आया जिसने प्रतिदिन एक से तीन घंटे काम करने पर 1500 से 2800 रुपये और इससे अधिक काम करने पर 4000 रुपये कमाई की बात कही।
HIGHLIGHTS
- साइबर ठगी का आरोपित जयपुर से गिरफ्तार
- आरोपित को तलाश रही थी 10 अन्य राज्यों की भी पुलिस
- राष्ट्रीय साइबर पोर्टल पर दर्ज हैं 33 शिकायतें
देहरादून। Cyber Crime: कम निवेश में अधिक लाभ का लालच देकर दून निवासी व्यक्ति से 14 लाख रुपये की साइबर ठगी में उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने एक आरोपित को राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार किया है। उसने पीड़ित को पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर झांसे में लिया था।
पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपित देशभर में करीब 19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है। उसके विरुद्ध राष्ट्रीय साइबर पोर्टल पर 33 शिकायतें दर्ज हैं। 10 अन्य राज्यों की पुलिस भी उसे तलाश रही थी।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि इसी वर्ष 22 अगस्त को किशन नगर निवासी सुनील कुमार जैन ने साइबर ठगी की शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया कि छह अगस्त 2023 को उन्हें टेलीग्राम एप पर एक अंजान व्यक्ति का संदेश आया, जिसने प्रतिदिन एक से तीन घंटे काम करने पर 1500 से 2800 रुपये और इससे अधिक काम करने पर 2400 से 4000 रुपये कमाई की बात कही।
सुनील ने आरोपित से संपर्क किया तो उसने खुद को ग्लोबल केपीओ कंपनी का अधिकारी बताकर उसमें निवेश करने पर अधिक लाभ का लालच दिया और उनसे विभिन्न तिथियों में 14 लाख रुपये बैंक खाते में जमा करा लिए। मामले में साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर विवेचना निरीक्षक देवेंद्र नबियाल को सौंपी गई।
जांच के दौरान पता चला कि उक्त धनराशि ऋतिक सेन निवासी मुकुंदपुरा रोड, जयसिंहपुरा, जयपुर (राजस्थान) के बैंक खाते में गई है। इस पर एक टीम जयपुर भेजी गई, जहां शनिवार को आरोपित को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपित के विरुद्ध इन राज्यों में भी शिकायतें
एसएसपी ने बताया कि आरोपित ऋतिक सेन गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बंगाल, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना, राजस्थान में भी साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
इस तरह करता था ठगी
आरोपित ऋतिक विभिन्न कंपनियों की फर्जी वेबसाइट तैयार कर स्वयं को उसका कर्मचारी या अधिकारी बताकर लोगों को पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देता था। इसके लिए विभिन्न कंपनियों के नाम के लिंक भेजकर रेटिंग का टास्क दिया जाता था। इसके बाद वह एक या दो बार लोगों को पैसा देता और फिर आगे की कमाई के लिए निवेश करने को कहता। जो लोग निवेश के झांसे में आ जाते, उन्हें ठगी का अहसास होने तक आरोपित लाखों की चपत लगा चुका होता था।