Tuesday, December 24, 2024

Uttarakhand Weather: अब सताएगी गर्मी, हीट वेव का अलर्ट; विभाग ने जारी की एडवाइजरी

उत्तराखंड देहरादून

राज्य में आने वाले दिनों में तापमान बढऩे की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हीट वेव का अलर्ट जारी कर दिया है। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने इसे लेकर एक विस्तृत एडवाजरी जारी की है। उन्होंने सभी जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारियों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के बढ़ते खतरे से निपटने एवं बचाव के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

 राज्य में आने वाले दिनों में तापमान बढऩे की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हीट वेव का अलर्ट जारी कर दिया है। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने इसे लेकर एक विस्तृत एडवाजरी जारी की है। उन्होंने सभी जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारियों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के बढ़ते खतरे से निपटने एवं बचाव के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

साथ ही समस्त चिकित्सा ईकाईयों में आवश्यक दवाइयों, आईवी फ्लूडस, आइस पैक, ओआरएस और आवश्यक उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि हीट वेव से संबंधित बीमारियों के लक्षणों की शीघ्र पहचान, निगरानी एवं रिपोर्टिंग के लिए चिकित्सा अधिकारियों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।

सभी चिकित्सा ईकाईयों पर ठंडे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। समस्त चिकित्सा ईकाईयों में रेट वाटर हारवेस्टिंग एवं वाटर रिसाइक्लिंग के लिए आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि गर्मियों से संबंधित बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण उपायों के संबंध में आमजन के बीच निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जाए। गर्मी से संबंधित बीमारियों से होने वाली मौत का डेथ आडिट कर राज्य मुख्यालय को भी सूचित किया जाए।

गर्मी से बचने के उपायों की दी जानकारी

सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि गर्मी जानलेवा हो सकती है, इसलिए इसमें सावधान रहने की जरूरी है। गर्मी लगने से अत्याधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, जी मचलना, शरीर में ऐंठन, तेज धड़कन व भ्रम की स्थिति बन सकती है। इसके लिए जरूरी है कि खूब पानी पिया जाए।

ओआरएस और घर में बने पेय पदार्थ जैसे शिकंजी, नारियल पानी, छांछ का उपयोग किया जाए। बाहर निकलते समय हल्के रंग के कपड़ों का उपयोग किया जाए। धूप से बचने के लिए चश्मा, टोपी व छाते का उपयोग किया जाए। दोपहर के वक्त बाहरी गतिविधियों को सीमित रखा जाए। उन्होंने सलाह दी कि उच्च प्रोटीन पदार्थों का सेवन सीमित किया जाए एवं बासी भोजन से बचा जाए।