Dehradun News: बलिदानी कैप्टन के परिजनों से 44 लाख रुपये ठगने वाले पांच शातिर दबोचे

उत्तराखंड देहरादून

 

दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके से पकड़े गए पांचों ठग

एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि मामले में जांच की गई तो पता चला कि यह खाते और फोन नंबर दिल्ली से संचालित हैं। एक टीम को दिल्ली भेजी गई। टीम ने दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके से पांच आरोपियों कपिल अरोड़ा निवासी ए रशीद मार्केट गली नंबर सात, बाना जगतपुरी, भगत सिंह रोड दिल्ली, राहुल कुमार दत्ता निवासी न्यू स्टेट बैंक कॉलोनी, धामपुर बिजनौर, रवि सैनी निवासी एम आठ, ब्लॉक निकट डीएवी चौक सेक्टर 12 प्रताप विहार गाजियाबाद, राजेश कुमार यादव निवासी ग्राम गोरखपुर, थाना रसड़ा, जिला बलिया और अनुराग शुक्ला निवासी रामपुर श्याम नगर, चकेरी, सरयू प्रसाद स्कूल, कानपुर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है।

विज्ञापनबुजुर्ग ने बताया था कि उनको गत फरवरी में फोन आया था। फोन करने वालों ने खुद को सैनिक कल्याण बोर्ड और मुख्य सतर्कता अधिकारी रक्षा मंत्रालय के कार्यालय से बताया। उन्होंने बुजुर्ग को कहा कि उनके बेटे की कीर्ति चक्र ग्रांट को बंद कर दिया है। इसका कारण है कि उन्होंने 31 दिसंबर तक फार्म सेकेंड भरकर जमा नहीं किया था। इसका उन्होंने कैंसिल ऑर्डर भी बताया। यह सुनकर बुजुर्ग को यकीन हो गया। इसके बाद बुजुर्ग को बताया गया कि इस मामले में अगली कार्रवाई मुख्य सतर्कता अधिकारी पीएन गुलाटी करेंगे।

कथित गुलाटी के सचिव विवेक राजपूत का नंबर देकर उनसे बात करने के लिए कहा गया। बुजुर्ग ने इस नंबर पर बात की तो पता चला कि उन्हें मिलने वाली 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष की ग्रांट को बंद कर दिया गया। इसे दोबारा शुरू करने के लिए उनसे 1.98 लाख रुपये खाते में जमा कराने को कहा गया। बलिदानी कैप्टन के पिता ने यह रकम जमा कर दी। इसके बाद कुछ प्रोसेसिंग फीस आदि जमा कराई गई। किसी न किसी बहाने और शुल्क के नाम पर उनसे कुल 44 लाख रुपये जमा करा लिए गए। इसके बाद उन्हें उत्तर मिला कि ग्रांट शुरू कर दी गई है। बावजूद इसके उनके खाते में ग्रांट का कोई पैसा नहीं आया। इसके बारे में जब उन्होंने सैनिक कल्याण बोर्ड से पता किया तो उन्हें मालूम हुआ कि यह तो उनके साथ ठगी की गई है।

ऐसे करते हैं ठगी

आरोपियों के पास कारगिल युद्ध में बलिदानियों के परिवारों की सूची है। देशभर में वह इन नंबरों पर कॉल करते हैं। साइबर ठग इन परिवारों को ग्रांट बंद करने और फिर इसे दोबारा शुरू करने का झांसा देकर ठगी करते हैं। झांसा दिया जाता है कि यह ग्रांट 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष की दर से वर्ष 2021 से वर्ष 2037 तक मिलने वाली है। इस लालच में आकर बलिदानियों के परिजन इनके चंगुल में फंसकर रकम इनके खातों में जमा करा देते हैं।