निजी स्कूलों में मानक व फीस एक्ट के लिए बनेगा प्राधिकरण, शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। उत्तराखंड के निजी स्कूलों में मानकों के अनुपालन और फीस एक्ट लाने के लिए सरकार जल्द ही राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण बनाने जा रही है। दूसरी ओर, कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों को राज्य आंदोलनकारियों और शहीद सैनिकों की वीर गाथाएं पढ़ाने के लिए सहायक पुस्तकें तैयार की जाएंगी।

नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा बैठक
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर निदेशालय स्तर पर जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी के साथ ही प्री प्राइमरी के संचालन के लिए शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संयुक्त टास्क फोर्स बनाने के भी निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के अधीन स्कूल कांप्लेक्स के गठन के लिए स्कूलों का चिन्हीकरण किया जाएगा। कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों को नैतिक शिक्षा एवं राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीद सैनिकों के जीवन वृत्त को कहानी के तौर पर पढ़ाया जाएगा। इसके लिए सहायक पुस्तकें विकसित की जाएंगी।

सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाने के लिए सीमैट की ओर से प्रशिक्षण शुरू
मंत्री पांडेय ने कहा कि अटल उत्कृष्ट स्कूलों के शिक्षकों और प्रिंसपलों को सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाने के लिए सीमैट की ओर से प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। मंत्री अरविंद पांडेय ने अधिकारियों को स्कूलों के संचालन, मानकों का अनुपालन और फीस एक्ट को लेकर राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण(एसएसएसए) की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

उन्होंने सीआरपी और बीआरपी की पदस्थापना की कार्रवाई के लिए तत्काल शासन को प्रस्ताव भेजने को भी कहा। बैठक में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण आरके कुंवर, निदेशक माध्यमिक सीमा जौनसारी, प्रभारी निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आरके उनियाल, अपर निदेशक आरडी शर्मा, कुलदीप गैरोला, कंचन देवराड़ी, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट मौजूद रहे।

माध्यमिक विद्यालयों में शुरू होगी एनसीसी
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि चूंकि उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य प्रदेश है। लिहाजा, सभी माध्यमिक विद्यालयों में एनसीसी शुरू करने के लिए एनसीसी निदेशालय से सहयोग लिया जाएगा।

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