उत्तराखंड में गहरा सकता है बिजली का संकट, दाम बढ़ने से खरीद रोकी

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बिजली उत्पादन प्रभावित होने और दिल्ली में बिजली संकट की खबरों के बीच उत्तराखंड में भी बिजली संकट गहरा सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर बिजली के दामों में पिछले चार दिन में तीन गुना की बढ़ोतरी हो गई है, जिसके बाद (उत्तराखंड पावर काॅरपोरेशन लि.) यूपीसीएल ने बिजली खरीद पर रोक लगा दी है। अब रोजाना चार से पांच मिलियन यूनिट की किल्लत हो रही है, जिसकी भरपाई फिलहाल रोस्टर से ही की जा रही है।

दरअसल, पिछले तीन दिन से दिल्ली में ब्लैकआउट की आशंकाएं और चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्तर पर अचानक बिजली के दामों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई। चार दिन पहले तक नेशनल एक्सचेंज से बिजली पांच से साढ़े पांच रुपये यूनिट के हिसाब से मिल रही थी। इसके दाम अब बढ़कर 15 से 15.50 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गए हैं। इतने महंगे दामों पर बिजली खरीद से यूपीसीएल ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इस वजह से प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो गया है।

फिलहाल चार से पांच मिलियन यूनिट की कमी हो रही है, जिसे किसी तरह रोस्टर प्रणाली से पूरा किया जा रहा है। लेकिन सोमवार को यह संकट और बढ़ने की आशंका है। यूपीसीएल में बिजली खरीद से जुड़े अधिकारी गौरव शर्मा के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर महंगी बिजली होने की वजह से खरीद रोकी गई है, लेकिन यूपीसीएल के तीन टेंडर बिजली संकट से निजात दिलाएंगे। पहले टेंडर से इसी सप्ताह बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

41 मिलियन यूनिट की है डिमांड
प्रदेश में इस वक्त 41 मिलियन यूनिट बिजली की डिमांड है। राज्य के अपने पावर प्लांट के साथ ही अन्य स्त्रोतों से रोजाना करीब 36 से 37 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही है। रोजाना करीब तीन से चार मिलियन यूनिट बिजली बाहर से खरीदनी पड़ती है, लेकिन महंगी होने की वजह से इस खरीद पर रोक लगा दी गई है।
त्योहारी सीजन के लिए यूपीसीएल ने की तैयारी
आने वाले त्योहारी सीजन में बिजली की जरूरत बढ़ेगी। बाजार में महंगी बिजली के मद्देनजर यूपीसीएल ने तीन टेंडर डाले थे। इनमें से अक्तूबर माह के लिए 75 मेगावाट का टेंडर मिल गया है। नवंबर और दिसंबर के लिए भी यूपीसीएल को 120-120 मेगावाट का टेंडर मिला है। अक्तूबर के टेंडर से इस सप्ताह बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। यह बिजली करीब चार रुपये प्रति यूनिट के दाम पर खरीदी गई है। यूपीसीएल का दावा है कि त्योहारी सीजन में बिजली की किल्लत नहीं होगी।

दो दिन से बढ़ती जा रही किल्लत
प्रदेश में बिजली किल्लत पिछले दो दिन से लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को प्रदेश में बिजली आपूर्ति करने में निगम के हाथ-पांव फूल गए। हालांकि शनिवार को डिमांड में गिरावट आई। रविवार को भी सामान्य डिमांड रही। अब यूपीसीएल के अधिकारियों को सोमवार की चिंता सता रही है। चूंकि अभी कहीं से अतिरिक्त आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है। लिहाजा, हो सकता है कि प्रदेश में कई जगहों पर पावर कट झेलना पड़े।

केंद्र ने उत्तराखंड का बिजली कोटा घटाया
दिल्ली सहित देश में बिजली संकट गहराने की खबरों के बीच केंद्र ने उत्तराखंड में बिजली कोटा घटा दिया है। यानी केंद्रीय पावर संस्थानों से प्रदेश को जो बिजली मिलती है, उसमें कमी कर दी गई है। इस वजह से भी यूपीसीएल के लिए संकट पैदा होने लगा है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड के हिस्से में इसलिए कमी की गई है ताकि जिन जगहों पर कोल आधारित बिजली संयंत्रों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है, वहां आपूर्ति की जा सके।

हमारी पूरे परिदृश्य पर नजर है। बिजली किल्लत की आशंका के बीच हम गैस आधारित प्लांट से बिजली लेने की दिशा में भी प्रयास कर रहे हैं। कोशिश रहेगी कि किसी भी हालत में प्रदेशवासियों के लिए बिजली की किल्लत न हो।
– डॉ. हरक सिंह रावत, ऊर्जा मंत्री, उत्तराखंड सरकार

 

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