प्रदेश में नजूल भूमि पर काबिज हजारों परिवारों को सरकार कानूनी रूप से मालिकाना हक देने जा रही है। शुक्रवार को इसके लिए ससंदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने विधानसभा के पटल पर उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक, 2021 पेश किया। शनिवार को चर्चा के बाद विधेयक पारित हो जाएगा।
सरकार के अंतिम विस सत्र का आज तीसरा और आखिरी दिन
उत्तराखंड सरकार के अंतिम विस सत्र का आज तीसरा और आखिरी दिन है। वहीं शनिवार को कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सदन विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया। सदन में सरकार पर बेरोजगारी के विषय पर गलत सूचना देने का आरोप लगाया। जिस पर संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि यह विषशाधिकार का मामला नहीं बनता है। कुछ आंकड़े छूट गए थे।
इस दौरान देहरादून अवैध खनन को ले जाने वाले वाहनों को छोड़ने सम्बन्धी सीएम पुष्कर सिंह धामी के दफ्तर में तैनात पीआरओ नंदन बिष्ट के पत्र को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेर।। उप नेता विपक्ष करण माहरा ने कहा है कि यह वाहन भाजपा नेताओं के थे, जिन्हें छोड़ने के लिए पत्र लिखा गया था। माहरा ने कहा है कि सही कारवाई करने वाले ट्रैफिक इंस्पेक्टर को भी लाइन हाजिर करना, अब और भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में नजूल भूमि पर हजारों की संख्या में लोग काबिज हैं। रुद्रपुर के भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल के मुताबिक, अकेले रुद्रपुर में 22,000 परिवार नजूल भूमि पर काबिज हैं, जिन्हें फायदा मिलेगा। संसदीय कार्यमंत्री के मुताबिक, शनिवार को विधेयक पारित होने के बाद अधिनियम बनने से नैनीताल के हल्द्वानी, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार में नजूल भूमि पर काबिज लोगों को अपनी भूमि को नियमानुसार फ्री होल्ड करने का अवसर मिलेगा। प्रदेश में करीब 50 हजार परिवार है, जो इसका लाभ ले सकते हैं।
विधेयक में कुछ प्रमुख प्रावधान
-बीपीएल कार्ड धारकों और प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्रों को नजूल भूमि पर 50 वर्ग मीटर तक की जमीन को फ्रीहोल्ड करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
-छह माह के भीतर जितने भी आवेदन आएंगे, संबंधित अधिकारियों को अगले छह माह में सभी का निपटारा करना होगा।
-जिन लोगों ने पूर्व में आवेदन किया था, उन्हें उसी सर्किल रेट पर नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने की छूट प्रदान की गई है।
सर्किल रेट की दरों के हिसाब से देना होगा शुल्क (आवासीय श्रेणी में)
-200 वर्गमीटर तक: ऐसे पट्टेधारक, जिन्होंने पट्टे की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है, उन्हें प्रचलित सर्किल रेट का 25 प्रतिशत, जिन्होंने पट्टे का नवीनीकरण नहीं कराया को 30 प्रतिशत, जिन्होंने पट्टे की शर्तों का उल्लंघन किया उन्हें 60 प्रतिशत देना होगा।
-201-500 वर्गमीटर तक: ऐसे पट्टेधारक जिन्होंने पट्टे की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया तो 35 प्रतिशत, नवीनीकरण न कराने वालों को 50 प्रतिशत, उल्लंघन करने वालों को 80 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
-501 वर्ग मीटर से अधिक: जिन्होंने पट्टे की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया, उन्हें सर्किल रेट का 60 प्रतिशत, नवीनीकरण न कराने वालों को 70 प्रतिशत और पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने वालों को 110 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
व्यावसायिक नजूल भूमि पर यह दरें होंगी लागू
-200 वर्ग मीटर तक: पट्टे की शर्तों का पालन करने वालों को सर्किल रेट का 40 प्रतिशत, पट्टे का नवीनीकरण न कराने वालों को 50 प्रतिशत, नियम शर्तों का उल्लंघन करने वालों को 80 प्रतिशत देय होगा।
-201-500 वर्ग मीटर तक: पट्टे की शर्तों का उल्लंघन न करने वालों को सर्किल रेट का 50 प्रतिशत, नवीनीकरण न कराने वालों को 70 प्रतिशत और उल्लंघन करने वालों को 100 प्रतिशत देना होगा।
-501 वर्ग मीटर से ऊपर: पट्टे की शर्तों का उल्लंघन न करने वालों को 80 प्रतिशत, नवीनीकरण न करवाने वालों को 90 प्रतिशत और उल्लंघन करने वालों को 130 प्रतिशत देय होगा।
यह भी खास
-बहुमंजिला इमारतों के हर माले पर अलग दर
-पार्किंग या पार्क बनाने का डीएम को अधिकार
-निजी शिक्षण संस्थान भी करा सकते हैं फ्रीहोल्ड
-नजूल नीति में कृषि एवं बागवानी की भूमि फ्रीहोल्ड की जाएगी
-मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा आदि के लिए पट्टे पर दी गई नजूल भूमि फ्री होल्ड शासन से अनुमोदन के बाद हो सकेगा
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