दारमा घाटी में अंतिम भारतीय गांव सीपू का ग्लेशियर ने रोका मार्ग

उत्तराखंड नैनीताल

नैनीताल। उच्च हिमालय में गर्मी बढ़ते ही ग्लेशियरों के खिसकने का सिलसिला जारी है। दारमा घाटी में चीन सीमा से लगे अंतिम गांव सीपू मार्ग पर ग्लेशियर आने से अलग -थलग पड़ चुका है। ग्लेशियर के चलते कुछ समय के लिए धौली गंगा नदी का प्रवाह भी बाधित रहा ।

दारमा घाटी में चीन सीमा से लगा अंतिम गांव सीपू अभी सड़क सुविधा से वंचित है। तिदांग से सीपू तक आवाजाही के लिए एकमात्र पैदल मार्ग है। इस पैदल मार्ग में बीच में सूखा नामक नाला आता है। सूखा नाला के पास सूखा ग्लेशियर है। सूखा ग्लेशियर खिसक कर नाले में आ गया। इसी नाले से सीपू वाला पैदल मार्ग है। मार्ग में ग्लेशियर आने से सीपू जाने वाला मार्ग बंद हो चुका है। ग्लेशियर निकलने से धौली गंगा नदी का प्रवाह कुछ देर के लिए बाधित रहा। धौली गंगा नदी सीपू से आगे के ग्लेशियरों से निकलती है। इसी धौली गंगा नदी पर 280 मेगावॉट की धौली गंगा जल विद्युत परियोजना बनी है। उच्च हिमालय से मिली जानकारी के अनुसार अब नदी का प्रवाह सामान्य हो चुका है परंतु सीपू गांव का सम्पर्क कटा हुआ है। जानकारी के अनुसार ग्लेशियर के खिसक कर मार्ग पर आने से शीघ्र पैदल मार्ग खुलने के आसार नहीं हैं।

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