टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे मलबा आने से फिर बंद, दर्जनों वाहनों में 200 से अधिक यात्री रोड में फंसे

उत्तराखंड चंपावत

चंपावत। चंपावत जिले में मंगलवार की देर रात से मूसलधार बारिश जारी है। बुधवार की शाम 6:15 बजे टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 37 घंटे बाद खुला लेकिन चार घंटे बाद ही विभिन्न स्थानों पर मलबा आने से रात 10 बजे फिर बंद हो गया। हाईवे पर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। सुबह आठ बजे अमोड़ी के पास पहाड़ी दरकने के सड़क का बड़ा हिस्सा मलबे से पट गया है। सड़क खोलने का काम जारी है। इधर विद्युत पोल क्षतिग्रस्त होने से चल्थी क्षेत्र के 40 गांवों की विद्युत व्यवस्था भंग हो गई है। तीन दिन से बंद 18 ग्रामीण सड़कों पर अभी भी आवागमन सुचारू नहीं हो पाया है। सुबह सात बजे लोहाघाट-पिथौरागढ़ मार्ग पर भारतोली के पास भी मलबा आने से भी दर्जनों यात्री फंस गए हैं। टनकपुर और बनबसा में शारदा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है।

बारिश का कहर सड़कों और आम जरूरत की अन्य चीजों पर जारी है। टनकपुर के टिपनटॉप से लेकर घाट तक एनएच पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है। फिर भी सड़क खुलते ही लोग जान की परवाह किए बिना यात्रा कर रहे हैं। इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। बुधवार की शाम 37 घंटे बाद एनएच सुचारू हुआ लेकिन रात में फिर से मलबा आने से आवागमन ठप हो गया। सड़क खुलते ही पुलिस ने दो दिन से फंसे वाहनों को निकाल लिया। गुरुवार की सुबह आठ बजे करीब चम्पावत-पिथौरागढ़ हाईवे पर अमोड़ी स्थित तुलसी होटल से 500 मीटर आगे चम्पावत की ओर पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरक कर सड़क पर आ गया।

इससे 92 वाहनों में 200 से अधिक यात्री फंस गए हैं। चल्थी चौकी प्रभारी हेमंत कठैत ने बताया कि स्वाला, धौन, झालाकुड़ी व सिन्याड़ी बैंड पर भी मालबा आने के कारण आवागमन बंद हो चुका है। इधर सुबह भारतोली के पास बोल्डर और मलबा गिरने से पिथौरागढ़ और चम्पावत की ओर आवागमन कर रहे यात्री भी फंस गए हैं। एनएच के ईई एलडी मथेला ने बताया कि पूरे एनएच को सुचारू करने का काम चल रहा है। तेज बारिश और उपर से गिर रहे मलबे और पत्थरों के कारण मलबा हटाने में दिक्कत हो रही है। सड़क बंद होने के बाद एसडीएम सदर अनिल गब्र्याल, तहसीलदार ज्योति धपवाल ने धौन जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने एनएच के अधिकारियों को जल्द सड़क खोलने के निर्देश दिए।

 

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