एम्स में बना विश्व का पहला आरएफवीआर सेंटर, ट्रीटमेंट की सुविधा बिल्कुल निशुल्क

उत्तराखंड देहरादून

एम्स ऋषिकेश में विश्व का पहला निशुल्क रेडियो फ्रीक्वेंसी वजाइना रिज्युलेशन (आरएफवीआर) ट्रीटमेंट सेंटर शुरू हो गया है। विश्व के दूसरे आरएफवीआर विशेषज्ञ और एम्स के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनोकोलॉजी विभाग के हेड डॉ. नवनीत मोघा ट्रीटमेंट सेंटर का संचालन कर रहे हैं। एम्स में आरएफवीआर ट्रीटमेंट की सुविधा निशुल्क दी जा रही है।

एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संस्थान में आधी आबादी को बिल्कुल निशुल्क रेडियो फ्रीक्वेंसी वजाइना रिज्युलेशन (आरएफवीआर) ट्रीटमेंट के माध्यम से निज इलाज कराने की पूरी आजादी दी गई है।

उन्होंने बताया कि एम्स के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनोकोलॉजी विभाग हेड डॉ. नवनीत मोघा अमेरिका के बाद विश्व के दूसरे आरएफवीआर ट्रीटमेंट विशेषज्ञ है। डॉ मोघा वर्ष 2016 में आरएफवीआर के एशिया महाद्वीप के मास्टर ट्रेनर बने थे। प्रोफसर रविकांत ने बताया कि रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनोकोलॉजी विभाग की पांच दिन की ओपीडी के दौरान छह महिलाओं ने आरएफवीआर ट्रीटमेंट के लिए अपना पंजीकरण कराया है।

डॉ. नवनीत मोघा ने बताया कि भारत में आरएफवीआर ट्रीटमेंट का खर्च लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये है। वहीं विदेश में मरीजों से ट्रीटमेंट के लिए साढ़े तीन लाख से चार लाख रुपये तक का शुल्क लिया जाता है। लेकिन एम्स में विश्व का पहला संस्थान है जहां यह सुविधा बिल्कुल निशुल्क दी जा रही है।

डॉ. मोघा ने बताया कि आरएफवीआर ट्रीटमेंट में महिला रोगी की योनि का रास्ता बिना किसी शल्य चिकित्सा के रेडियो फ्रिकवेंसी जैसी आधुनिक पद्धति द्वारा कसा जाता है। वहीं स्ट्रेस यूरिनरी इनकांटीनेंस, ओवर ऐक्टिव ब्लैडर, लाइकन स्क्लेरोसस और मेनोपॉज के पश्चात जेनिटोयूरीरिनरी सिंड्रोम का भी उपचार किया जाता है। इससे महिलाओं को खांसने, छींकने, हंसने पर पेशाब छूटना, योनी के रास्ते से शरीर का बाहर आना और वैवाहिक संबंधों में दिक्कत में होना आदि की समस्या से निजात मिलती है।

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