देहरादून। अफगानिस्तान में ब्रिटिश और अमेरिकी एंबेसी की सिक्योरिटी में तैनात भारतीय नागरिकों को एक घंटे के भीतर काबुल छोड़ना पड़ा। तालिबानियों के कब्जे की सूचना मिलते ही एंबेसी के अधिकारी सक्रिय हो गए और उन्होंने सभी को एक घंटे में अपना सामान समेटकर देश छोड़ने के आदेश दिए। हालांकि, एंबेसी की ओर से विमान की व्यवस्था की गई। यहां से करीब 90 भारतीयों को विमान से दुबई पहुंचा दिया गया। इसके बाद उन्हें लंदन भेजा गया, जहां से एयर इंडिया के विमान से सभी भारतीयों को अपने देश पहुंचा दिया गया। इनमें 50 से अधिक उत्तराखंड के बाशिंदे हैं।
दून निवासी अजय थापा ने बताया कि वह अफगानिस्तान में काफी समय से निजी सिक्योरिटी सर्विस में कार्यरत थे। ब्रिटिश एंबेसी को वह सुरक्षा प्रदान करते थे। वह 17 अगस्त की रात को किसी तरह दून पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि बीते 14 अगस्त को उन्हें एंबेसी के अधिकारियों ने कहा कि चंद किलोमीटर की दूरी तक तालिबानी लड़ाके पहुंच चुके हैं और वह तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें आदेश दिया गया कि एक घंटे के भीतर सारा सामान समेटकर मिलिट्री एयरपोर्ट पर मिलें। इस दौरान आनन-फानन अपना सामान समेटकर 90 भारतीय एयरपोर्ट पहुंच गए।
इस हड़बड़ी में कई अपना कीमती सामान और दस्तावेज तक छोड़ आए। यहां से उन्हें सेना के विमान से दुबई पहुंचा दिया गया। अजय बताते हैं कि काबुल में उनका आखिरी एक घंटा बहुत भारी बीता। एंबेसी से एयरपोर्ट तक पहुंचने के दौरान उन्होंने जो माहौल देखा और जो खौफ महसूस किया वह आसानी से नहीं भूला जा सकता।
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