सर्विलांस ने खोला विवाहिता की हत्या का राज, अभियुक्तों की सजा का भी बना आधार

उत्तराखंड नैनीताल

नैनीताल : सर्विलांस की मदद से विवाहिता की हत्या का राज खुला बल्कि हत्यारों तक भी पुलिस पहुंच गई। यही नहीं अदालत ने सर्विलांस को ही साक्ष्य स्वीकार करते हुए अभियुक्तों को हत्या व हत्या की साजिश का दोषी करार दिया है। अब कोर्ट आज दोनों अभियुक्तों को सजा सुनाएगी। इस हत्याकांड में पुलिस एक भी सबूत तलाश नहीं पाई। 

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार सात जुलाई 2016 को अभियुक्त जोगा राम उर्फ जग्गू पुत्र मोहन राम निवासी दुपरौली थाना बेरीनाग, जिला पिथौरागढ़ अपने साथी सह-अभियुक्त मोहन राम पुत्र गुंसाई राम ग्राम बना, तहसील कांडा, जिला बागेश्वर को अपने वाहन टाटा सूमो यूके- 04,टीए-7483 में सवार थे। मुखानी चौराहे से उन्होंने दीपा पुत्री रंजीत राम नि०-बडयूडा, पोस्ट देवराड़ी पंत, तहसील गणाई गंगोली, जिला पिथौरागढ़ को घुमाने के बहाने बैठा ले गए। वह कालादूंगी, रामनगर होते हुए बाजपुर, काशीपुर ले गए। दोनों ने काशीपुर में खूब शराब पी। फिर दौराहा बाजपुर होते हुए हल्द्वानी की ओर वापस लौट रहे थे। रास्ते में गडप्पू जंगल के पास दीपा लघुशंका करने के लिए उतरी तो दोनों ने उसके साथ छेड़खानी की और शारीरिक संबंध बनाने को कहा, जिस पर दीपा नाराज हो गई। इसी दौरान दीपा ने धमकी दी कि वह दोनों  के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करायेगी। दोनों ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी तथा शव को भाखड़ा पुल के पास  कपड़े खुले हालत में फेंक दिया। 11 जुलाई 2016 को वन बीट वॉचर गणेश राम ने फतेहपुर रेंज कालीगाड से थाने में अज्ञात शव महिला के पड़े होने की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर, पंचायतनामा भर शव शिनाख्त के लिए मोर्चरी में भिजवाया। शव की शिनाख्त कमलेश कुमार पुत्र रंजीत राम निवासी बड्यूडा, पोस्ट देवराड़ी पंत, तहसील गणाई गंगोली, जिला पिथौरागढ़ ने अपनी बहन दीपा के रूप में की तथा थाना कालाढूंगी में अज्ञात के विरुद्ध  रिपोर्ट दर्ज कराई। 

कमलेश ने जोगाराम पर शक जाहिर करते हुए बताया कि उसकी बहन दीपा अपने लड़के को लेकर काठगोदाम क्षेत्र में किराये पर बच्चों की पढ़ाई के उददेश्य से रहती थी। दीपा के कमरे में जोगाराम जिसका ससुराल रिपोर्टकर्ता के पड़ोस के गाँव दुपरौली में ही है, उसका आना-जाना था। उसके साथ अश्लील हरकते करता था। जिसकी शिकायत दीपा ने अपने भाई कमलेश को की थी। जिसके आधार पर जोगाराम व मोहन राम को गिरफतार किया। उन्होंने भी जुर्म इकबाल करते हुए बताया कि वह घटना के रोज दीपा को अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गये और रास्ते में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी  सुशील कुमार शर्मा ने अभियोजन तथ्यों को साबित करने हेतु 13 गवाह पेश किये गये। मामले में सर्विलांस से  मुख्य साक्षी हुसैन एम जैदी नोडल अधिकारी आईडिया सेल्यूलर लिमिटेड नोएडा को मृतका व दोनों अभियुक्तगणों की कॉल डिटेल व मोबाइल लोकेशन साबित करने हेतु पेश किया गया।

अभियोजन का यह तथ्य पूर्ण रूप से साबित हुआ कि घटना के रोज मृतका दीपा व दोनों अभियुक्तगण जोगा राम व मोहन राम एक साथ व एक दिशा में कालाढूंगी होते हुए रामनगर बाजपुर- काशीपुर गये। काशीपुर में वापसी के समय मृतका दीपा का फोन स्विच ऑफ हो गया।  दोनों अभियुक्तगण के मोबाइल एक साथ एक दिशा में काशीपुर से होते हुए भाखड़ा नदी के पुल के पास गड़प्पू जंगल होते हुए हल्द्वानी में एक साथ आये। मृतका व दोनों अभियुक्तगणों की कॉल डिटेल के आधार पर आपस में वार्ता होना भी साबित किया है। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के प्रस्तुत गवाहों के साक्ष्य व सर्विलान्स के साक्ष्य को वैधानिक मानते हुए जोगा राम व मोहन राम को धारा 302 व 201 आईपीसी के मातहत दोषी करार दिया।

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