देहरादून। तीन व्यक्तियों ने हर्रावाला के एक व्यक्ति के दस्तावेज के सहारे शराब की दुकान आवंटित करा ली। पता लगने पर जब व्यक्ति ने विरोध किया तो लाभ में हिस्सा देने की बात कही, लेकिन वह भी नहीं दिया। उल्टा लाखों के राजस्व का देयता बना दिया। व्यक्ति का आरोप है कि शिकायत के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अब मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया गया है। आयोग ने एसएसपी दून को नोटिस भेजकर अप्रैल 2022 तक जवाब दाखिल करने को आदेशित किया है। वहीं, राज्यपाल को भी शिकायत भेजी गई है।
आयोग को दिए पत्र में देव कुमार शर्मा ने कहा कि वर्ष 2016 में आबकारी विभाग की ओर से एक पत्र मिला। जिसमें बताया गया था कि आपके नाम पर देहरादून के लालतप्पड़ क्षेत्र में विदेशी शराब की दुकान दो साल के लिए आवंटित कर दी गई है। जब जांच करवाई तो पता चला कि तीन व्यक्तियों ने दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर दुकान आवंटित कराई है। पौड़ी के एक शराब माफिया ने बैंक गारंटी भरी है। उन्होंने कभी भी शराब दुकान के लिए आवेदन नहीं किया था। जब दुकान का लाइसेंस निरस्त करने के लिए कहा तो आबकारी विभाग ने बताया कि लाइसेंस निरस्त करने के लिए पूरी लाइसेंस फीस व पूरी हानि लाइसेंसधारक की होगी।
विरोध जताने पर तीनों व्यक्तियों ने दुकान में हिस्सेदारी और लाभ बांटने की बात कही। लाभ तो दिया नहीं उल्टा 65 लाख रुपये के सरकारी राजस्व का देयता बना दिया। इस मामले में एसएसपी व डोईवाला कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।