‘इंजीनियर चायवाला’ पंकज पांडे स्टार्टअप की दिलचस्प कहानी, सरकारी नौकरी के लिए पेपर लीक पर व्यवस्था से उठा विश्वास

उत्तराखंड नैनीताल

हल्द्वानी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद 6 साल तक बड़ी काॅरपोरेट कंपनियों में नौकरी करने वाले रानीखेत निवासी पंकज पांडे हल्द्वानी की सड़कों पर स्टाॅल लगाकर चाय बेच रहे हैं। उत्तराखंड में सरकारी नौकरी के लिए 4 साल तक किए प्रयास के बाद पेपर लीक प्रकरण से उनका व्यवस्था से विश्वास उठ गया।

जिसके चलते उन्होंने ‘इंजीनियर चायवाला’ नाम से स्टार्टअप शुरू किया है। उनका ब्रांड युवाओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
मूलरूप से रानीखेत के बग्वालीपोखर निवासी पंकज पांडे के पिता गांव के ही इंटर काॅलेज में चतुर्थ श्रणी कर्मचारी हैं। पंकज ने राजकीय पाॅलिटेक्निक गरूड़ से 2014 में मैकेनिकल की पढ़ाई की। इसके बाद ग्वालियर व नोएडा की दो बड़ी कंपनियों में चार साल तक नौकरी की।

काॅरपोरेट की नौकरी में हो रही छंटनी और काम के मुताबिक वेतन नहीं मिलने से वह घर वापस आ गए। यहां उन्होंने लगातार चार साल तक सरकारी नौकरी के लिए तैयारी की। 6 प्रतियोगी परीक्षाओं में चार को रद्द कर दिया गया। एक परीक्षा में पेपर लीक हो गया। एक परीक्षा में सफल होने के बावजूद अब तक उसका साक्षात्कार नहीं हुआ।

ऐसे में उनका सरकारी व्यवस्था से विश्वास उठ गया। उन्होंने घर से पैसा लेकर ‘इंजीनियरिंग चायवाला’ नाम से अपना स्टाॅल शुरू किया। पिछले तीन महीने से वह सुबह 4 से 9.30 बजे तक रोडवेज स्टेशन और दिन में 3.30 से शाम 8 बजे तक एमबी काॅलेज के पास स्टाॅल लगाकर चाय बेचते हैं।

पहले महीने उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। चाय बेचने के लिए स्टाॅल को धकेलकर एक दूसरे स्थान तक ले जाना मुश्किल रहा। अब वह स्टाॅल बनाने में खर्च हुआ पैसा वसूल कर चुके हैं और प्रतिमाह करीब 20 हजार रूपये तक कमा रहे हैं।

सोशल मीडिया में मिल रहा सपोर्ट
पंकज के स्टार्टअप को सोशल मीडिया में युवाओं का काफी सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उनसे जुड़े करीब 2 हजार से अधिक साथी उनके स्टार्टअप के प्रचार-प्रसार में मदद कर रहे हैं। वह रोज के क्रियाकलाप की वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करते हैं। जिससे युवा लगातार जुड़ रहे हैं। उनका सपना है कि ‘इंजीनियर चायवाला’ को उत्तराखंड का ब्रांड बनाकर पहचान दिलाई जाए। उनकी स्पेशल मसाला चाय, चाॅकलेट चाय, काॅफी व कोल्ड काॅफी के हर जगह स्टाॅल लगें।

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