सुरंग में फंसे मजदूरों का मनोबल बढ़ा रहे इसके लिए चिकित्सक व मनोचिकित्सक हर एक मजदूर से बात करते रहे। उन्हें सकारात्मक रहने की सलाह दी गई। साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ाया गया। इससे यह भी पता लगाने की कोशिश की गई कि किस की मनोस्थिति अथवा स्वास्थ्य कैसा है। ऐसे में उन्हें उसी के अनुसार त्वरित उपचार भी दिया जा सकेगा।
उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे मजदूरों का मनोबल बढ़ा रहे, इसके लिए चिकित्सक व मनोचिकित्सक हर एक मजदूर से बात करते रहे। उन्हें सकारात्मक रहने की सलाह दी गई। साथ ही, उनका मनोबल भी बढ़ाया गया। इससे यह भी पता लगाने की कोशिश की गई कि किस की मनोस्थिति अथवा स्वास्थ्य कैसा है।
ऐसे में उन्हें उसी के अनुसार, त्वरित उपचार भी दिया जा सकेगा। बचाव कार्यों में जुटी जांच एजेंसियां लगातार मजदूरों से संवाद करती रहीं। इस क्रम में मजदूरों को भोजन, दवाएं व फल भेजने के साथ ही तौलिया, ब्रश, पेस्ट व कपड़े भी भेजे गए। समय बीतने के साथ ही एजेंसियों को चिंता इनकी मनोदशा को लेकर है।
मानसिक रूप से कुछ कमजोर हो सकते मजदूर
अभी सुरंग के भीतर फंसे सभी मजदूर शारीरिक रूप से स्वस्थ तो हैं, लेकिन माना जा रहा है कि ये मानसिक रूप से कुछ कमजोर हो सकते हैं। इसलिए बुधवार को इन मरीजों की बात चिकित्सक के साथ ही मनोचिकित्सक से कराई गई।
45 एंबुलेंस और विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल तैनात
स्वास्थ्य विभाग समेत विभिन्न एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं। मजदूरों को सुरंग से बाहर लाने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ को दी गई है। जैसे ही मजदूर सुरंग से बाहर आएंगे, उनका तत्काल स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सिल्क्यारा में बनाए गए अस्थायी अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती कर दी है। 45 एंबुलेंस भी समुचित चिकित्सा संसाधनों के साथ तैनात हैं। मजदूरों को उनकी स्थिति के मुताबिक एम्स ऋषिकेश समेत अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। एयर एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है।
चिकित्सकों की सलाह पर दे रहे खाना
मजदूरों के लिए चिकित्सकों की सलाह पर खाना तैयार किया जा रहा है। मजदूरों के लिए कम मिर्च मसाले वाला सुपाच्य भोजन भेजा जा रहा है। मजदूरों को सोमवार रात से ठोस भोजन व फल भी दिए जा रहे हैं।