Sunday, September 08, 2024

Teacher Transfer: सुगम विद्यालयों से तबादला हुए शिक्षक नहीं है कार्यमुक्त, शिक्षा मंत्री दे चुके हैं आदेश

उत्तराखंड देहरादून

सुगम विद्यालयों से तबादला होने के बाद आज पांच महीने बाद भी कार्यमुक्त नहीं हुए शिक्षकों को लेकर शिक्षा मंत्री डॅा.धन सिंह रावत ने संज्ञान लिया। उन्होंने बीते बुधवार को शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में हुई बैठक में अधिकारियों से कहा कि जिन शिक्षकों के तबादले हुए हैं। उन्हें जल्द कार्यमुक्त किया जाए। जिससे उन्हें सु्गम क्षेत्र के ही अन्य विद्यालय आवंटित किए गए हैं।

 देहरादून। सुगम विद्यालयों से तबादला होने के बाद आज पांच महीने बाद भी कार्यमुक्त नहीं हुए शिक्षकों को लेकर शिक्षा मंत्री डॅा.धन सिंह रावत ने संज्ञान लिया। उन्होंने बीते बुधवार को शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में हुई बैठक में अधिकारियों से कहा कि जिन शिक्षकों के तबादले हुए हैं।

उन्हें जल्द कार्यमुक्त किया जाए। तबादला आदेश के पांच महीने बाद भी करीब 250 शिक्षक गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में कार्यमुक्त नहीं किए गए हैं। मुख्य सचिव डॅा.एसएस संधु की अध्यक्षता में गठित शासन स्तरीय स्थानांतरण समिति ने प्राप्त प्रत्यावेदन का निपटारा कर दिया है, लेकिन विभाग इन शिक्षकों का आज तक दुर्गम, अति दुर्गम व सुगम विद्यालयों में स्थानांतरण नहीं कर पाया हैं।

शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद भी सुगम से तबादला हुए शिक्षक कार्यमुक्त नहीं

तर्क दिया जा रहा है कि उन्होंने अपने स्थानांतरण रोकने का कारणों के साथ प्रत्यावेदन दिया है। सुगम विद्यालयों में ही नहीं एससीईआरटी एवं शिक्षा विभाग कार्यालयों में कार्यरत ये शिक्षक इस वर्ष जून में तबादला होने के बाद आज तक कार्य मुक्त नहीं किए गए हैं। दूसरी ओर वे शिक्षक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

जिन्होंने तबादला आदेश मिलते ही एक सप्ताह के भीतर नए कार्य स्थल पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम-2017 की धारा- 27 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक बीते 29 सितंबर 2023 को हुई थी।

जिसमें शिक्षा विभाग की ओर से यह प्रस्ताव भेजा गया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत प्रवक्ता संवर्ग के 112 शिक्षकों एवं सहायक अध्यापक एलटी संवर्ग के 189 शिक्षकों को दुर्गम से सुगम में अनिवार्य रूप से स्थानांतरण किया गया था। इन शिक्षकों ने जिन विद्यालयों का विकल्प भरा था वहां पद रिक्त नहीं थे।

जिससे उन्हें सु्गम क्षेत्र के ही अन्य विद्यालय आवंटित किए गए हैं। अपनी पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कुछ ऐसे शिक्षक भी हें जो दुर्गम के विद्यालयों में ही बने रहना चाहते हैं। विभाग के इस प्रस्ताव पर स्थानांतरण समिति ने दुर्गम से स्थानांतरित किए गए शिक्षकों की ओर से दुर्गम विद्यालयों में ही रहने की छूट मांगने पर सहमति व्यक्त की।

ऊंची राजनीतिक पहुंच के चलते शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को नहीं कर रहा है कार्यमुक्त

उधर, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने कहा कि विभाग में जो तबादले हुए हैं वह नियमानुसार हुए हैं। जो अभी तक कार्यमुक्त नहीं हुए उनकी रिपोर्ट ली जा रही है। सुगम का मोह नहीं छोड़ने वालों को नहीं छेड़ा ऊंची पहुंच वाले कुछ शिक्षकों के प्रत्यावेदनों के प्रस्ताव का कहीं जिक्र नहीं है, लेकिन ऐसे शिक्षक स्थानांतरण रोकने के लिए प्रत्यावेदन देने की बात कर रहे हैं इनमें प्रवक्ता व एलटी संवर्ग दोनों से हैं।

शासन की ओर से गठित समिति के समक्ष विभाग ने केवल दुर्गम शिक्षकों का स्थानांतरण और उनके दुर्गम में ही रहने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसे शासन समिति से स्वीकार कर लिया, लेकिन विभाग ने जब ऐसे शिक्षकों के प्रत्यावेदन शासन को भेजे ही नहीं हो सुगम में सेवारत होने के बावजूद आज भी दुर्गम जाने को तैयार नहीं है और स्थानांतरण को रोकने के लिए बीमारी व घर की अनेक समस्याओं का बहाना बना रहे हैं। तो तबादला कैसे होगा।