हल्द्वानी में सांप ने एक ही परिवार के दो बच्चों को डस लिया। इससे दोनों बच्चों की मौत हो गई। मध्यप्रदेश (पन्ना) से परिवार संग पीरूमदारा पहुंचे राहुल अपनी किस्मत को कोस रहे हैं और बच्चों को खोने के गम में डूबे हैं।
काम की तलाश में बाहरी प्रदेशों के मजदूर अपने परिवार संग उत्तराखंड में मजदूरी करने आते हैं। यहां अस्थायी झुग्गी-झोपड़ियों में आसरा बनाकर दिन गुजारते हैं। रोज सुबह दिहाड़ी की तलाश और कमरतोड़ मेहनत के बाद जैसे-तैसे परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटा पाना संभव होता है। काम ना मिलने पर मजदूर परिवारों को कई दिन भूखे पेट ही गुजारने होते हैं।
मध्यप्रदेश (पन्ना) से परिवार संग पीरूमदारा पहुंचे राहुल और हल्द्वानी के काठगोदाम क्षेत्र में झोपड़ी में रहने वाले यूपी (हरदोई) के प्रीतम, दोनों परिवारों की एक जैसी नियति है और 26 जून की रात दोनों परिवारों पर एक जैसी मुसीबत भी टूट पड़ी। दोनों ही रोजगार की तलाश में नैनीताल जिले में आए और अपने दिल के टुकड़ों को खो बैठे। सांप के काटने से राहुल के बेटे और बेटी अकाल मौत की आगोश में समा गए तो वहीं प्रीतम का एकलौता बेटा तेंदुए का शिकार हो गया। अब दोनों ही परिवार अपनी किस्मत को कोस रहे हैं और बच्चों को खोने के गम में डूबे हैं।
सांप के डंसने से राहुल अपने बेटा-बेटी दोनों को खो बैठा
रोजगार की तलाश में मध्यप्रदेश से पीरूमदारा पहुंचे राहुल के परिवार में अब मातम पसरा हुआ है। 12 दिन पहले ही राहुल अपनी पत्नी, दो बच्चों, सास-ससुर और साले के साथ यहां प्रवास पर आया था। झोपड़ी बनाकर परिवार जीवन-बसर कर रहा था। 26 जून की रात राहुल के जीवन की सबसे काली रात साबित हुई। रात को उसके परिवार के सभी सदस्य फर्श पर गहरी नींद में सोए हुए थे। अचानक बच्चों के रोने की आवाज आई तो राहुल समेत परिवार के लोग जाग गए और सामने का मंजर देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
घर में एक सांप फन फैलाएं बैठा था और सांप ने उसके बेटे देव (6) और बेटी नित्या (4) के हाथ पर डस दिया था। परिजन फौरन बच्चों को लेकर रामनगर और फिर सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे लेकिन घर के दोनों चिरागों को नहीं बचा पाए। इलाज के दौरान बृहस्पतिवार को बेटी ने दम तोड़ दिया तो वहीं शुक्रवार को बेटा भी अकाल मौत की आगोश में समा गया। अपने हाथों में बच्चों के शव देखकर परिवार के सभी सदस्य फूटफूट कर रोने लगे।